
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,
कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
रिश्ते तो मिलते हैं मुकद्दर से,
बस उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो।
कई लोग दोस्ती और रिश्तों को निभाने के लिए जबानी जमा खर्च तो भोत करते हैंगे बाकी मुसीबत में फोरन कल्टी खाते नजर आते हैं। फिर नफरतों के इस दौर में जबींसान सिरफ़ अपने बारे मेई सोच रिया हे…कोई किसी के लिए अपना खून दे दे, ऐसा जऱा कम होता हे। इंसानियत और बेलौस मुहब्बत का ये किस्सा है अनादि टीवी के वीडियो जर्नलिस्ट इरफान अली जैदी की शरीके हयात की सख्त बीमारी का। अस्पताल में दाखिल बीवी की सर्जरी के लिए डाक्टरों ने फोरन 5 यूनिट ब्लड की जरूरत बताई। सर्जरी में देरी से उनकी जान को खतरा था। इरफान मियां फिक्रमंद हो गए। खाली फिकर से तो साब मसला हल होने वाला नई था। वैसे वो मुतमईन थे के उनके कुछ साथी वीडियो जर्नलिस्ट उनका साथ जरूर देंगे। भोपाल में मुख्तलिफ न्यूज चैनलों में काम करने वाले वीडियो जरनालिस्टो की एक एसोसिएशन है। जिसके सदर हैं सुशील यादव। परेशान इरफान ने सुशील से राब्ता किया और इमरजेंसी में 5 यूनिट ब्लड की जरूरत बताई। यादव ने अपने वाटसेप ग्रुप पे इत्तिला चलाई। उधर अस्पताल में डाक्टर ब्लड का इंतजाम फोरन करने का दबाव बना रहे थे। अपने साथी के टेंशन को अपना टेंशन समझते हुए वीडियो जर्नलिस्ट सुजीत लांजेवार, उमेश यादव, इमरान खान ओर खुद इरफान ने ब्लड डोनेट किया। बाकी एक यूनिट का इंतजाम भी हो गया। अपने साथियों को मुसीबत में अपने पास पाकर इरफान मियां की आंखें नम हो गईं। वो अपने साथियों के गले से लिपट गए। उधर डाक्टरों ने कामयाब सर्जरी के बाद कहा की मुसीबत टल चुकी है। तो साब आपसी मुहब्बत और भाईचारे से ही ये मुल्क महफूज है। बिलाशक आप लोगों ने ये नेक काम कर मुहब्बत की नई इबारत लिख दी है। यूं भी रक्त दान से बढ़ के कोई दान नहीं होता। आप सभी को सूरमा का सलाम।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved