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चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल उठाए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने

August 11, 2025


नई दिल्ली । सपा प्रमुख अखिलेश यादव (SP chief Akhilesh Yadav) ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर (On the Functioning and Impartiality of the Election Commission) सवाल उठाए (Raised Questions) ।


सोमवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के चुनावों के संदर्भ में सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब चुनाव आयोग पर उंगलियां उठी हैं; पहले भी इसकी आलोचना हो चुकी है। उन्होंने पिछले उपचुनावों में धन के दुरुपयोग, सरकारी अधिकारियों के दुरुपयोग और वोट चोरी व धांधली की शिकायतों का जिक्र किया। सपा प्रमुख ने दावा किया कि आयोग को समाजवादी पार्टी की ओर से शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए दावा किया कि उत्तर प्रदेश में सरकार और अधिकारियों की मिलीभगत से वोटों की डकैती की गई। उनके अनुसार, समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को बूथ पर पुलिस द्वारा रोका गया, और पुलिस की तैनाती जातिगत आधार पर की गई थी ताकि भारतीय जनता पार्टी को जिताया जा सके।

सपा प्रमुख ने रामपुर उपचुनाव और सपा सांसद अवधेश प्रसाद के संसदीय क्षेत्र में धांधली का आरोप लगाया। उनके अनुसार, 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के वोट काटे गए, और इसके खिलाफ 18,000 शपथ पत्रों के साथ शिकायत दर्ज की गई, लेकिन चुनाव आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने यह भी मांग की कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो, चाहे वह उत्तर प्रदेश हो, दिल्ली हो, या कर्नाटक, जहां कांग्रेस की सरकार है।

अखिलेश यादव ने कर्नाटक में कार्रवाई की संभावना जताई, लेकिन उत्तर प्रदेश में कार्रवाई पर संदेह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठे हैं। सपा ने पहले भी उपचुनावों में धांधली की शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में उन्होंने लिखा, “चुनाव आयोग पहले पिछले एफिडेविट का जवाब दे जब हमने 18 हज़ार वोट कटने पर, शपथपत्र दिये थे। चुनाव आयोग बताए उस मामले में क्या कार्रवाई हुई? चुनाव संबंधित मामलों और मसलों में फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं, फास्टेस्ट ट्रैक कोर्ट की आवश्यकता है। यहां भी समयबद्ध कार्यवाही और कार्रवाई होनी चाहिए, तब ही लोकतंत्र बचेगा।“

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