
चेन्नई। राजीव गांधी हत्याकांड (Rajiv Gandhi assassination) के दोषियों को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रिहा करने के आदेश दिए थे. इस दौरान नलिनी समेत 6 लोगों को रिहा (6 people released) कर दिया गया है. इनमें से 4 लोग श्रीलंका के नागरिक (4 people Sri Lankan citizens) हैं. उनके संबंध में तमिलनाडु (Tamil Nadu) के अफसरों का कहना है कि उन्हें वापस श्रीलंका भेजने की तैयारी हो रही है। इन सभी चार श्रीलंकाई लोगों को तिरुचिरापल्ली के एक विशेष शिविर में 12 नवंबर की रात को लाया गया है. इन्हें अभी वहीं रखा गया है।
राजीव गांधी हत्या मामले में चार दोषियों-श्रीहरन उर्फ मुरुगन, संथन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को तमिलनाडु की अलग-अलग जेलों से रिहा किया गया था. तिरुचिरापल्ली के जिलाधिकारी ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्रालय के फॉरेन रिजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसेज से बात की है. उनकी ओर से पहले ही श्रीलंका के दूतावास को इन लोगों के संबंध में सूचना भेज दी गई है. अब वे लोग इनकी नागरिकता की पुष्टि करेंगे. इसके बाद उन्हें वहां भेजा जाएगा।
एक रहना चाहता है चेन्नई में
वहीं मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार संथन ने श्रीलंका जाने की इच्छा जताई है. नलिनी के पति श्रीहरन ने लंदन में अपनी बेटी के पास जाने की इच्छा जताई है. रॉबर्ट नीदरलैंड में अपने परिवार के पास जाना चाहता है. जयकुमार चेन्नई में अपने परिवार के पास रहना चाहता है। जिलाधिकारी का कहना है कि अभी उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है. डीएम ने कहा है कि उन्होंने इन लोगों से पूछा है कि अगर उनका कोई रिजर्वेशन है तो वह लिखित तौर पर दें, जिसे वह राज्य सरकार के पास भेजेंगे। वहीं कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि इनके मामले जटिल हैं। उनका कहना है कि अगर इन्हें श्रीलंका नहीं भेजा जाता है तो वे रेफ्यूजी के तौर पर भारत में रहने का अधिकार मांग सकते हैं।
विशेष शिविर में रखा गया
वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसी सूचना थी कि चारों लोग शिविर में सुविधाओं के लिए भूख हड़ताल कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, ऐसा नहीं था और चार लोगों में से दो- रॉबर्ट पायस और जयकुमार ने टहलने के लिए स्थान मुहैया कराने का अनुरोध किया। यह सुविधा जल्दी ही दी जाएगी और इस प्रकार कोई भी व्यक्ति अनशन पर नहीं जा रहा है।
उन्होंने कहा कि विशेष शिविर के प्रभारी से अनुमति लेने के बाद परिवार के सदस्य या रिश्तेदार के उनसे मुलाकात कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि रिहा किए गए चारों दोषियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है. इस शिविर में विदेशी नागरिकों को उनके निर्वासन तक रखा जाता है. शिविर के कैदियों को अपना खाना खुद बनाने की अनुमति है। हालांकि, शिविर के अंदर मोबाइल फोन या अन्य गैजेट की अनुमति नहीं है. शिविर में 100 से अधिक कैदी हैं, जिनमें से ज्यादातर श्रीलंकाई नागरिक हैं।
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