मुंबई। दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को जबरन शरणालय भेजने के सुप्रीम कोर्ट (SC) के फैसले ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। कई बॉलीवुड सितारों (Bollywood stars) ने इस आदेश का विरोध करते हुए इसे क्रूर और अव्यावहारिक बताया है। उनका कहना है कि असली समाधान नसबंदी, टीकाकरण और समुदाय आधारित देखभाल में है, न कि इन बेजुबानों को कैद करने में।
जाह्नवी कपूर, वरुण धवन और टाइगर श्रॉफ
जाह्नवी कपूर, वरुण धवन और टाइगर श्रॉफ ने एक कोलैब इंस्टाग्राम नोट में लिखा, “जिन्हें लोग समस्या कहते हैं, हम उन्हें अपनी धड़कन कहते हैं। सुप्रीम कोर्ट कह रहा है कि दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से हर आवारा कुत्ते को उठा कर कैद कर दो। फिर न धूप मिलेगी, न आजादी, न वो प्यारे चेहरे जिन्हें ये रोज़ सुबह सलाम करते थे। असली हल है—बड़े पैमाने पर नसबंदी, टीकाकरण, सामुदायिक चारण और गोद लेने की पहल।”
सौफी चौधरी
सोफी चौधरी ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा, “ये दिल तोड़ने वाला और बेहद क्रूर है! शेल्टर में जगह ही नहीं होगी। यहां तक कि हॉस्की, लैब्राडोर और जर्मन शेफर्ड जैसे पालतू कुत्ते भी बच्चे देने के बाद छोड़ दिए जाते हैं। ‘शेल्टर’ सिर्फ खानापूर्ति है।”
रवीना टंडन
रवीना टंडन ने लिखा, “अगर स्थानीय निकायों ने समय पर नसबंदी और टीकाकरण किया होता, तो हम आज इस हालात में न होते। सही इंफ्रास्ट्रक्चर होता तो यह स्थिति ही नहीं आती।”
जॉन अब्राहम
जॉन अब्राहम ने मुख्य न्यायाधीश को खुले पत्र में लिखा, “यह आदेश ABC रूल्स और सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों के खिलाफ है। जयपुर में 70% और लखनऊ में 84% नसबंदी से साफ है कि आबादी पर काबू पाया जा सकता है। बेवजह विस्थापन न सिर्फ क्रूर है, बल्कि बिल्कुल अव्यावहारिक भी।”
चिन्मयी श्रीपाड़ा
गायिका चिन्मयी श्रीपाड़ा ने ट्विटर पर लिखा, “मेरे लिए यह सभी कुत्तों के लिए मौत का एलान है। ये मासूम जीव हमारे शहर की सड़कों को अपनी मौजूदगी और दुआओं से रोशन करते हैं।”
सिद्धार्थ आनंद
निर्देशक सिद्धार्थ आनंद ने ट्वीट किया, “यह तो सीधा नरसंहार का आदेश है। पहले सड़कों पर लोग इन्हें खाना देते थे, अब ये भूख और प्यास से तड़पकर मर जाएंगे।”
वरुण ग्रोवर
वरुण ग्रोवर ने लिखा, “जबरन भूखा रखना कोई हल नहीं है। ये समस्या उन लोगों ने पैदा की, जो कुत्तों से नफरत करते हैं और नसबंदी के काम में अड़ंगे डालते रहे। अब इन्हें शेल्टर भेजना, मतलब मौत के मुंह में धकेलना है।”
विर दास
विर दास ने इंस्टाग्राम पर अपील की, “दिल्ली वासियों इन कुत्ताें को गोद ले लीजिए। देखभाल ज्यादा नहीं करनी पड़ती है और इनसे मोहब्बत बहुत ज्यादा मिलती है। अपने नजदीकी एनजीओ का समर्थन करें।”
संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “जिसे वो समस्या कहते हैं, हम उसे अपनी धड़कन मानते हैं। न धूप, न आजादी, न अपने लोग, हर समुदाय को कैद करना मतलब उसे खत्म कर देना। असली हल है बड़े पैमाने पर नसबंदी, नियमित टीकाकरण, मोहल्ले में देखभाल और गोद लेना।”
आदिवी शेष
आदिवी शेष ने कहा, “यह फैसला कानून और भारत के दयालु मूल्यों के खिलाफ है। नसबंदी और टीकाकरण के बाद कुत्तों को वापस छोड़ना ही सबसे सही, वैज्ञानिक और मानवीय तरीका है।”
श्रिया पिलगांवकर
श्रिया पिलगांवकर ने कहा, “दया और समझदारी साथ-साथ चलनी चाहिए। सुरक्षा का ध्यान रखते हुए भी, हर कुत्ते को शेल्टर भेजना न तो टिकाऊ है और न ही इंसानियत भरा तरीका।”
हुमा कुरैशी
हुमा कुरैशी ने कहा, “जानवरों को छोटे-छोटे पिंजरों में बंद रखना न इंसानियत है, न टिकाऊ तरीका। हमें लंबे समय के हल चुनने चाहिए—देखभाल करने वालों को ताकत दें और क्रूरता व लापरवाही पर सख्त कार्रवाई करें।”
भूमि पेडनेकर
भूमि पेडनेकर ने महात्मा गांधी का उद्धरण शेयर किया, “किसी देश की महानता उसके जानवरों के प्रति व्यवहार से मापी जाती है।”
रशा थडानी
रशा थडानी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “ये मासूम, बेजुबान जानवर हमारे सड़कों पर दया की आस लिए घूमते हैं। इन्हें दूर ले जाना अति-दुःखद और दिल दुखा देने वाला है।”
दिया मिर्जा
दिया मिर्जा ने X पर लिखा, “मैंने इस अपील पर हस्ताक्षर किए हैं। अगर आपको भी कोई बेहतर रास्ता नजर आता है, तो कृपया आप भी हस्ताक्षर करें।”
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