
भोपाल। प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव के दौरान जहां सियायत गर्म थी, वहीं अब सियासत थम सी गई है। सियासत से भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी, किसान, गरीबी जैसे प्रमुख मुद्दे गायब से हो गए हैं। प्रदेश की राजनीति सिर्फ गाय के इर्द-गिर्द सिमट सी गई है। एक पखवाड़े पहले तक जो कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक सैंकड़ा से ज्यादा मुद्दों को लेकर सड़क पर उतरी थी, वही कांग्रेस जनहित के मुद्दों को लेकर मौन है। जहां प्रशासन द्वारा कांग्रेसी और उनसे जुड़े लोगों के अवैध ठिकानों पर बुल्डोजर चलाया जा रहा है, सिर्फ वहां कांग्रेसी विरोध की खानापूर्ति कर रहे हैं। भाजपा ने उपचुनाव में शानदार जीत हासिल की है। चुनाव परिणाम के तत्काल बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गौ कैबिनेट का गठन कर दिया। साथ ही आगर-मालवा के गौ अभ्यारण्य में कैबिनेट बैठक करने से लेकर गायों की दुर्दशा में सुधार लाने के लिए कई ऐलान कर डाले हैं। हालांकि पहली ही गाय कैबिनेट वर्चुअल हो रही है। जिसकी वजह मंत्रियों के अपने-अपने क्षेत्र में रहना बताई जा रही है। जबकि यह भी वजह सामने आ रही है कि जिस गौ अभ्यारण्य में गौ-कैबिनेट होने वाली थी, वहां गायों की मौत का सिलसिला जारी है। गौेशाला में गायों के लिए पर्याप्त प्रबंध नहीं है। यदि मुख्यमंत्री गौ शाला में बैठकर कैबिनेट करते तो मीडिया के माध्यम से देश का ध्यान मप्र सरकार की गौ-कैबिनेट और गौशाला की स्थिति पर होता। इससे बचने के लिए सरकार आज वर्चुअल कैबिनेट कर रही है।
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