
नई दिल्ली । गुरुवार को संसद(Parliament) के मॉनसून सत्र(Monsoon Session) के आखिरी दिन राज्यसभा(Rajya Sabha) में जमकर हंगामा(fierce commotion) हुआ है। इस बीच सदन की कार्यवाही के दौरान केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस भी हुई है। बहस तब हुई जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव राज्यसभा में ऑनलाइन गेमिंग पर पाबंदी से जुड़ा विधेयक पेश कर रहे थे।
लोकसभा से पारित हो चुके इस बिल को पेश करने के दौरान विपक्ष लगातार नारेबरी कर रहा था। इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अपनी सीट से खड़े होकर उपसभापति हरिवंश नारायण से सदन में बोलने का अवसर दिए जाने की मांग करने लगे। डिप्टी चेयरमैन ने उन्हें विषय पर बात करने की नसीहत दी। इस पर खड़गे भड़क गए। उन्होंने कहा, “जब सब मौजूद नहीं थे, तब आपने बिल पास कर दिया और अब आप हमें ही सिखा रहे हैं।”
खड़गे ने आगे कहा, “सबकी बात सुनिए। आप भले ही हमारे पॉइंट्स को खारिज कर दीजिए लेकिन इस कार्यवाही के दौरान अगर बोलने का ही अवसर नहीं देंगे तो ये गलत है।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उपसभापति ने कहा, “अगर आप बिल पर कुछ कहना चाहें तो मैं स्वागत करूंगा” खड़गे ने कहा, “आपने कहा कि सदन में क्या हो रहा है, सुनिए।” उपसभापति ने जब किसी अन्य मुद्दे पर बोलने की इजाजत नहीं दी, तब सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया।
इसके बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू भी उठ खड़े हुए। रिजिजू ने विपक्ष पर सदन की कार्यवाही में सहयोग न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि खड़गे का उपसभापति पर सवाल उठाना गलत है। किरण रिजिजू ने कहा, “खड़गे जी ने चेयर पर जो भी सवाल उठाए हैं, वे गलत हैं। चेयर हमेशा बोलने का मौका देते हैं, लेकिन वे सब्जेक्ट पर बोलते ही नहीं। सभापति पर इस तरह आरोप लगाना ठीक नहीं है। खड़गे जी, यह बहुत गलत है।”
किरण रिजिजू ने आगे कहा, “इस पूरे सत्र में अपने चेयर को कोऑपरेट नहीं किया। आप विषय पर बोलते नहीं हैं और अंत में आकर इस तरह का इल्जाम लगा रहे हैं कि हमें बोलने का मौका नहीं मिला। यह बिल्कुल गलत है और मैं इसका खंडन करता हूं।” वहीं विपक्ष के विरोध और नारेबाजी के बीच ‘ऑनलाइन गेमिंग, प्रचार और विनियमन विधेयक’ राज्यसभा से भी पारित हो गया है। वहीं राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है।
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