
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में महिलाओं के खिलाफ अपराधों (Crimes against women) में चिंताजनक बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. विधानसभा सत्र (Assembly session) में कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय (Congress MLA Pankaj Upadhyay) के सवाल के जवाब में गृह विभाग द्वारा प्रस्तुत आंकड़े चौंकाने वाले हैं. वर्ष 2024 में औसतन हर दिन 20 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. 2020 में 6134 बलात्कार के मामले दर्ज हुए थे, जबकि 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 7294 तक पहुंच गया, जो 19% की बढ़ोतरी को दर्शाता है. 2023 में वार्षिक प्रतिवेदन में 5374 बलात्कार के मामलों की जानकारी दी गई थी, लेकिन 31 दिसंबर 2023 तक कुल 7202 मामले दर्ज किए गए।
जातिगत आधार पर देखें तो अनुसूचित जाति की 1769, अनुसूचित जनजाति की 2062, पिछड़े वर्ग की 2502 और सामान्य वर्ग की 869 महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुईं. सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों में यह भी उल्लेख किया गया कि आदिवासी क्षेत्रों में बलात्कार के मामलों में बढ़ोतरी हुई है. पिछले पांच वर्षों में अनुसूचित जाति में 10%, अनुसूचित जनजाति में 26%, पिछड़ा वर्ग में 20% और सामान्य वर्ग में 24% बढ़ोतरी हुई।
इसके अलावा, पुलिस मुख्यालय और वार्षिक प्रतिवेदन के आंकड़ों में बड़ा अंतर देखा गया. पुलिस मुख्यालय के मुताबिक, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की महिलाओं से जुड़े मामलों की संख्या 3831 है, जबकि वार्षिक प्रतिवेदन में यह संख्या केवल 883 बताई गई. कांग्रेस विधायक पंकज उपाध्याय ने आरोप लगाया कि वार्षिक प्रतिवेदन में बलात्कार के मामलों के आंकड़े वास्तविक संख्या से 40% अधिक बताए गए हैं और खासकर अनुसूचित जनजाति के मामलों में यह आंकड़ा 340% तक अधिक है।
न्यायालय में बलात्कार के मामलों में सजा की दर भी चिंता का विषय बनी हुई है. पिछले पांच वर्षों में अनुसूचित जाति के 2739 मामलों में से केवल 23% को सजा मिली, जबकि 77% आरोपी बरी हो गए. अनुसूचित जनजाति के 3163 मामलों में 22% को सजा हुई और 78% बरी हो गए, जबकि पिछड़ा वर्ग के मामलों में यह आंकड़ा 21% था और सामान्य वर्ग में सजा की दर 18% रही।
मध्य प्रदेश के धार जिले में सबसे ज्यादा आदिवासी महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाएं दर्ज हुईं. झाबुआ में 102, खरगोन में 117, अलीराजपुर में 110, रतलाम में 143 महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ. इसके अलावा, इंदौर और भोपाल में भी दुष्कर्म के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई. इंदौर शहर में 103%, इंदौर ग्रामीण में 69%, भोपाल शहर में 59%, रतलाम में 46% की बढ़ोतरी दर्ज हुई. बालाघाट में 33%, जबलपुर में 15% मामलों में कमी देखी गई. वहीं, गुना, अशोकनगर, भिंड, बुरहानपुर, शाजापुर, कटनी, सिवनी, पन्ना, सतना, अनूपपुर, राजगढ़ में बलात्कार के दर्ज मामलों में गिरावट आई है, जबकि ग्वालियर, दमोह, विदिशा में संख्या बढ़ी है।
बीजेपी विधायक ने कहा- सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध
हालांकि, कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए बीजेपी विधायक भगवानदास सबनानी ने कहा कि बीजेपी की सरकार महिला सुरक्षा के मामले में संवेदनशील और सक्षम है. उन्होंने कहा, ये आंकड़े दर्शाते हैं कि अगर कहीं किसी महिला के साथ गलत हो रहा है, तो उसके मामले थानों में दर्ज हो रहे हैं. इसलिए संख्या ज्यादा दिख रही है. अगर मामले दर्ज हो रहे हैं, तो कार्रवाई भी हो रही है और न्यायालय भी ऐसे आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा सुना रहा है. सरकार महिला सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
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