
नई दिल्ली । इस्पात और एल्युमीनियम का व्यापार (Steel and Aluminum Trade) भारत और अमेरिका के बीच (Between India and America) लंबे समय से (For a long Time) विवादास्पद रहा है (Has been Controversial) । टैरिफ का मुद्दा ऐसे समय में सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन यात्रा पर जा रहे हैं। वह 12 से 14 फरवरी तक अमेरिका में रहेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि वह सभी प्रकार के इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाएंगे।
सुपरबोल के लिए न्यू ऑरलियन्स जाते समय ट्रंप ने कहा, “संयुक्त राज्य अमेरिका में आने वाले किसी भी स्टील पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा, एल्युमीनियम पर भी।” उन्होंने कहा कि टैरिफ की घोषणा सोमवार को की जाएगी।राष्ट्रपति ने कहा कि सभी देशों के लिए पारस्परिक टैरिफ भी लगाए जाएंगे। पारस्परिक टैरिफ यानी जो देश अमेरिकी सामानों पर जितना टैरिफ लगाएगा, अमेरिका भी उस देश से आने वाले सामानों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने कहा, “बहुत सरल शब्दों में, अगर वे हमसे शुल्क लेते हैं, तो हम उनसे शुल्क लेंगे।”
भारत ने 2023 के दौरान 4 बिलियन डॉलर का इस्पात और 1.1 बिलियन डॉलर का एल्युमीनियम निर्यात किया था। इस्पात और एल्युमीनियम बिजनेस भारत और अमेरिका के लिए एक विवादास्पद और जटिल मुद्दा रहा है। वाशिंगटन ने नई दिल्ली पर इन निर्यातों को सब्सिडी देने का आरोप लगाया है। 2023 में पीएम मोदी की वाशिंगटन यात्रा के दौरान, दोनों देशों ने विश्व व्यापार संगठन के समक्ष धातुओं से जुड़े छह विवादों को निपटाने पर सहमति जताई। हालांकि, अक्टूबर में, अमेरिका ने एल्युमीनियम आयात की कुछ श्रेणियों पर 39.5% तक शुल्क लगाया।
जनवरी में [पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन के अंतिम दिनों में], ट्रंप के पहले प्रशासन की तरफ से लगाए गए 10 से 25 प्रतिशत के बीच के अतिरिक्त टैरिफ को माफ करने पर सहमति जताई थी। बदले में, भारत सेब, अखरोट और बादाम पर टैरिफ कम करने पर सहमत हुआ। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के अनुसार, पिछले साल भारत का अमेरिका को कुल निर्यात 87.4 बिलियन डॉलर था, जबकि अमेरिका से आयात 47.8 बिलियन डॉलर था। ट्रंप ने अमेरिकी व्यापार घाटे पर ध्यान केंद्रित किया है और टैरिफ के माध्यम से इसे कम करने की बात कही है।
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