
इंदौर। निजी इंडिस्ट्रयल पार्क में बिना ईटीपी प्लांट के चल रहे उद्योग का मामला सीएम हेल्पलाइन तक पहुंच चुका है । इसके बाद भोपाल से इस शिकायत की जांच और समस्या के निवारण के लिए सम्बन्धित विभाग इंदौर के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को जिम्मेदारी दी है । जांच के दौरान बहते पानी मे खतरनाक केमिकल्स पाए जाने पर बोर्ड ने उद्योग संचालक को आदेश दिया है कि वह उद्योग परिसर में तत्काल ईटीपी प्लांट लगाए वरना उद्योग को सील कर दिया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी के अनुसार असरावद बुजुर्ग गांव के शिकायतकर्ता के अनुसार गजानन इंडस्ट्रियल पार्क के आगे निजी तेजस इंडस्ट्रियल पार्क से बहता हुआ नीला-काला पानी उनके दुधारू जानवर सहित अन्य मवेशियों और कृषि भूमि की जमीन के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, क्योंकि इस पानी के सूखने पर मिट्टी काली पड़ती जा रही है, इसलिए उद्योगों से कृषि भूमि की ओर बहने वाले प्रदूषित पानी की जांच कराई जाए। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने जब मौके पर पहुंचकर जांच की तो पाया कि तेजस इंडस्ट्रियल पार्क में संचालित एनकेबी इंडस्ट्री से नीला-काला गन्दा पानी इंडस्ट्रियल पार्क की सीमा से बाहर होता हुआ गांव के खेतों की ओर बह रहा था, जबकि नियमानुसार उद्योग को जहरीले पानी को साफ करने के लिए ईटीपी प्लांट का इस्तेमाल करना था, मगर मौके पर कोई ईटीपी प्लांट संचालित नहीं दिखा।
गंदे पानी में खतरनाक केमिकल्स पाए गए
इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने एनकेबी उद्योग से खेतों की ओर बहने वाले गंदे पानी के सैम्पल लेकर जांच की तो उसमें खतरनाक केमिकल्स पाए गए। जांच रिपोर्ट आते ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग को 1 सप्ताह के अंदर ईटीपी प्लांट शुरू करने के सख्त आदेश दिए हैं। आदेश का पालन नहीं करने पर उद्योग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।
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