
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ (Against Terrorism) वैश्विक स्तर पर (At Global Level) अब सख्त कार्रवाई जरूरी (Strict Action is now necessary) । कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वैश्विक सुरक्षा पर यह बड़ी बात कही ।
उन्होंने आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा करार देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो देश आतंकवाद को समर्थन और शरण देते हैं, उनके खिलाफ अब वैश्विक स्तर पर सख्त कार्रवाई जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन को अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की आतंकवाद के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के स्पष्ट संकेत के रूप में देखा जा रहा है। सुरक्षा चुनौतियों पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने देशों से आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने की बात पर जोर दिया। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को मजबूत समर्थन देने के लिए वैश्विक समुदाय का आभार जताते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला था।”
ईरान-इजरायल में जारी संघर्ष के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अनिश्चितता और संघर्षों ने ग्लोबल साउथ के देशों पर बहुत बुरा असर डाला है। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को विश्व मंच पर उठाने की जिम्मेदारी ली है।” पीएम मोदी का यह बयान ऐसे समय में महत्वपूर्ण हो गया है, जब पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर अमेरिका में हैं। मुनीर बुधवार को ‘व्हाइट हाउस’ में लंच पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी ने यह भी रेखांकित किया कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय एक स्थायी भविष्य के बारे में गंभीर है, तो दुनिया के लिए ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को समझना महत्वपूर्ण है। ‘ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी को उनके निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया। इसके साथ ही जी7 को अपनी यात्रा के 50 साल पूरे होने पर बधाई दी। अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऊर्जा सुरक्षा भविष्य की पीढ़ियों के सामने आने वाली प्रमुख चुनौतियों में से एक है।
समावेशी विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि “उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता वह सिद्धांत हैं, जो ऊर्जा सुरक्षा के प्रति भारत के दृष्टिकोण को रेखांकित करते हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देते हुए कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है, जिसने समय से पहले अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को सफलतापूर्वक पूरा किया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने एक ‘सस्टेनेबल’ और ‘ग्रीन फ्यूचर’ के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया है कि भारत ने इंटरनेशनल सोलर एलायंस, आपदा रोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन, ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस, वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड जैसी कई वैश्विक पहल की हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में टेक्नोलॉजी, एआई और एनर्जी के बीच संबंधों पर भी बात की। टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए भारत के मानव-केंद्रित दृष्टिकोण पर विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी टेक्नोलॉजी को प्रभावी होने के लिए आम लोगों के जीवन में मूल्य लाना चाहिए।
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