
नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) वाड्रा ने कहा, नफरत और हिंसा (Incite Hatred and Violence) भड़काने वालों के खिलाफ (Against) सख्त से सख्त कार्रवाई (Strict action) होनी चाहिए (Should be taken)। प्रियंका ने शुक्रवार को उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की, जिन्होंने एक कार्यक्रम में हेट स्पीच दिया और ‘एक विशेष धर्म को मानने वालों के खिलाफ हिंसा फैलाने’ का आह्वान किया।
प्रियंका ने कहा, यह निंदनीय है कि वे हमारे आदरणीय पूर्व पीएम की हत्या करने और विभिन्न समुदायों के लोगों के खिलाफ हिंसा फैलाने का खुला आह्वान करके निकल जाएं।” उन्होंने कहा, “इस तरह के कृत्य हमारे संविधान और हमारी भूमि के कानून का उल्लंघन करते हैं।” “इस तरह की नफरत और हिंसा भड़काने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
यह घटना 17 से 20 दिसंबर तक आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान हरिद्वार में हुई थी। सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो क्लिप में कहा गया है कि ‘हिंदुओं को म्यांमार के लोगों की तरह खुद हथियार उठाना चाहिए, हर हिंदू को हथियार उठाना चाहिए और एक सफाई अभियान करना चाहिए।”
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “जहां तक प्रधानमंत्री और उनके ढोल पीटने वालों का सवाल है, सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एक बकवास है। यह केवल एक खोखला नारा है! हरिद्वार में किए गए नृशंस अभद्र भाषा पर गरजती चुप्पी क्यों? गृह मंत्री और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्यों चुप हैं।”
तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन एक विवादास्पद धार्मिक नेता यती नरसिम्हानंद द्वारा किया गया था, जिन पर अतीत में हिंसा भड़काने का आरोप है। उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष और हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने वाले जितेंद्र नारायण त्यागी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
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