
नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus in India) की चपेट में आ चुके लोगों पर रूस की एक डोज वाली स्पुतनिक लाइट वैक्सीन (Sputnik Light Vaccine) ज्यादा सुरक्षित और अच्छी इम्युनिटी देने वाली साबित हुई है। एक अंग्रेजी पत्रिका में प्रकाशित वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल्स के नतीजों में यह बात सामने आई है। पिछले साल लॉन्च हुई दो डोज वाली स्पुतनिक V वैक्सीन का हल्का रूप मानी जा रही यह सिंगल डोज वैक्सीन पहले ही स्टडी के अंतिम चरण में पहुंच चुकी है और रूस में इसका काफी इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन पश्चिम की एक पत्रिका में इसके शुरुआती चरण के नतीजों का प्रकाशित होना एक तरह से मील का पत्थर है, क्योंकि रूस स्पुतनिक लाइट वैक्सीन को निर्यात के लिए अपना मुख्य टीका बनाने की ओर बढ़ रहा है।
वैक्सीन निर्माता गमालेया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक सेंट पीटर्सबर्ग में 18-59 साल के 110 वॉलंटियर्स के इम्यून सिस्टम और जरूरी साइड इफेक्ट्स पर नजर रख रहे हैं। इन्हें जनवरी 2021 में वैक्सीन लगाई गई थी। नतीजों में पाया गया कि इसने कोरोनावायरस के असली वेरिएंट पर तेजी से काम किया लेकिन महामारी के अल्फा और बीटा संस्करण पर काम करने की रफ्तार थोड़ी सुस्त नजर आई. रूस में कोरोना वायरस के डेल्टा वेरिएंट के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं।
डेल्टा वेरिएंट 70 फीसदी असरदार
रूस ने पहले ही कहा है कि स्पुतनिक लाइट वैक्सीन टीकाकरण के तीन महीने बाद से डेल्टा वेरिएंट पर करीब 70 फीसदी तक असर दिखाती है. स्टडी में कहा गया है कि स्पुतनिक लाइट को न सिर्फ प्राथमिक टीके बल्कि पहले कोविड-19 संक्रमण के बाद वैक्सीनेशन के लिए असरदार माना गया है. द लैंसेट और गमालेया में 6,000 प्रतिभागियों के साथ एक अंतरराष्ट्रीय और प्लेसबो-नियंत्रित चरण III के अध्ययन के प्रकाशित परीक्षणों के परिणामों के आधार पर स्पुतनिक लाइट को 6 मई को रूस में नैदानिक उपयोग के लिए मंजूरी दी गई थी. भारत ने भी 10 अक्टूबर को कोविड-19 रोधी टीके स्पुतनिक लाइट के निर्यात की अनुमति दे दी थी।
स्पुतनिक लाइट रूसी टीके स्पुतनिक V के घटक 1 के समान है। भारत के औषधि नियामक ने अप्रैल में स्पुतनिक V के आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दी थी, जिसके बाद से भारत में कोविड-19 रोधी टीकाकरण कार्यक्रम में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है।
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