
इंदौर। सरकारी हॉस्टलों की व्यवस्था को लेकर छात्रों की समस्याएं लगातार बनी हुई है। एक सप्ताह में दो बार अलग-अलग हॉस्टलों के विद्यार्थी पीने के पानी, गंदगी, साफ-सफाई जैसे समस्याओं को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुछ समस्याएं हैं जिन्हें तत्काल दूर कर दिया गया है।
देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में पीने के पानी और गंदगी की समस्या को लेकर छात्राओं ने विरोध दर्ज कर जमकर भड़ास निकाली। अधिकारियों ने छात्रों को समझने का भी खूब प्रयास किया। नाराज छात्राएं काफी देर बाद शांत हुई छात्राओं का कहना है कि गर्मियों के दिनों में पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। साफ-सफाई ठीक से नहीं हो रही। मेस की व्यवस्थाएं भी लचर है। इन्हीं समस्याओं को लेकर वार्डन का भी घेराव किया गया। तीन दिन पहले ही जवाहरलाल नेहरू हॉस्टल के छात्रों ने भी समस्याओं को लेकर विरोध प्रदर्शन दर्ज कराया था। इसके बाद अधिकारियों निरीक्षण किया जिसमें खामियां भी सामने आई, बाद में कोई ठोस कार्रवाई नहीं होने से विद्यार्थियों में निराशा दिख रही है वे सिर्फ आश्वासन से संतुष्ट नहीं है।
दबाव और वर्चस्व
हॉस्टलों को लेकर शुरू से ही विद्यार्थी और प्रभावशील दोनों प्रकार की अंदरूनी राजनीति होती आई है। पुराने विद्यार्थी अपने अनुसार व्यवस्थाओं को संचालित करने का प्रयास करते हैं, वहीं मेस व अन्य व्यवस्थाओं के पीछे टेंडर और वर्चस्व की लड़ाई के चलते अलग-अलग दबाव-प्रभाव व विरोध प्रदर्शन भी अक्सर होते आए हैं। नया सत्र शुरू होने वाला है इसके पहले छात्रों के लगातार विरोध प्रदर्शन के पीछे हॉस्टलों में व्यवस्थाएं संभालने वाले प्रबंधन के जानकारो की आपसी छींटाकशी भी कम नहीं है। इन सब में सरकारी तंत्र हमेशा कमजोर ही रहा है, जिसका खामियाजा अव्यवस्था के रूप में अक्सर सामने आता रहता है।
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