
ताइपे। ग्रैजुएशन (Graduation) की डिग्री और उसके क्रेडिट्स पाने के लिए अक्सर लोगों को कई असाइनमेंट्स (Assignments) पूरे करने पड़ते हैं। लेकिन हाल ही ताइवान (Taiwan.) के छात्रों ने जो आपबीती सुनाई है, उसे सुनकर आपकी भी रूह कांप जाएगी। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान (Taiwan) के एक बड़े यूनिवर्सिटी की महिला फुटबॉल कोच (Women’s football coach) पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। कथित तौर पर महिला कोच स्टूडेंट्स को शैक्षणिक क्रेडिट देने के बदले कई-कई बार जबरदस्ती ब्लड डोनेट करने के लिए मजबूर किया करती थी। छात्राओं ने बताया है कि कई बार दिन में तीन-तीन बार उनके शरीर से खून लिया गया है।
कोच की करतूतों का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में नेशनल ताइवान नॉर्मल यूनिवर्सिटी (NTNU) की एक छात्रा जियान ने 61 वर्षीय कोच झोउ ताई-यिंग पर सार्वजनिक रूप से सामने आकर यह आरोप लगाए हैं। झोउ ताई-यिंग ताइवान के फुटबॉल जगत में एक जानी-मानी हस्ती है। छात्रा ने आरोप लगाया है कि क्रेडिट देने के लिए उसे 200 बार तक रक्तदान करवाया गया।
14 दिन लगातार निकाला गया खून
जियान ने दावा बताया कि ब्लड डोनेशन क्रेडिट इकट्ठा करने के लिए बेहद जरूरी हिस्सा बना दिया गया था, जिसके लिए उन्हें 32 क्रेडिट मिलने थे। कथित तौर पर जिन छात्रों ने इससे इनकार किया, उन्हें या तो कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया, या उन्हें डिग्री ना देने की धमकी दी गई। जियान ने बताया कि यूनिवर्सिटी में अपने कोर्स के दौरान उसे 200 से ज्यादा बार खून देना पड़ा। यहीं नहीं छात्रा ने यह भी बताया कि इस दौरान कुछ ऐसे दौर भी आए जब उसे लगातार 14 दिनों तक खून देना पड़ा। उसने बताया कि इस दौरान रोज सुबह 5 बजे से रात 9 बजे के बीच उसके शरीर से तीन बार खून निकाला जाता था।
छात्रा के आरोप सुन रह जाएंगे दंग
छात्रा ने बताया, “क्रेडिट लेने के लिए यह सबकुछ करना पड़ा। मैं गुस्से से उबल रही थी! लगातार आठवें दिन ब्लड टेस्ट के दौरान, उन्हें मेरे हाथ पर कोई नस नहीं मिल रही थी, जिससे खून ना निकाला गया हो।” एक छात्रा के आगे आने के बाद अब कई छात्रों ने कोच के खिलाफ चुप्पी तोड़ी है और सामने आए हैं। एक छात्रा ने बताया कि पीछे मुड़कर देखने से इससे घृणा होती है।
कोच को हटाया गया
यूनिवर्सिटी ने फिलहाल कोच को बर्खास्त कर दिया है। 13 जुलाई को विश्वविद्यालय ने घोषणा की कि उसने झोउ को बर्खास्त कर दिया है और भविष्य में किसी भी टीम का नेतृत्व करने पर रोक लगा दी है। यूनिवर्सिटी ने झोउ का एक माफीनामा भी शेयर किया, जिसमें उसने छात्रों से माफी मांगी है। हालांकि बाद में यूनिवर्सिटी ने इस घोषणा को हटा दिया।
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