
नई दिल्ली. भारतीय मूल (Indian values) की अमेरिकी (American) अंतरिक्ष यात्री (Astronaut) सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) नौ महीने के बाद सफलतापूर्वक पृथ्वी पर लौट आई हैं. स्पेसएक्स (SpaceX) के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के जरिए 17 घंटों का सफर तय कर सुनीता और उनके साथी अंतरिक्ष यात्रियों की घर वापसी हुई है. उन्होंने नौ महीनों के बाद पहली बार ग्रैविटी को महसूस किया.
स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल जब पृथ्वी के वायुमंडल में आया तो इसका तापमान 1,600 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था।
यह वह पल था, जब सुनीता विलियम्स ने नौ महीने बाद पहली बार ग्रैविटी (Gravity) को महसूस किया. इस दौरान विलियम्स मुस्कुराई और उन्होंने हाथ हिलाकर अभिवादन किया.
सुनीता विलियम्स को जैसे ही ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकाला गया. उन्हें सीधे स्ट्रैचर पर बैठाया गया. ऐसा मेडिकल इमरजेंसी की वजह से किया जाता है. ड्रैगन कैप्सूल से बाहर निकलकर सीधे स्ट्रैचर पर बैठने के दौरान उन्होंने नौ महीने बाद पहली बार पृथ्वी की ग्रैविटी महसूस की. इस दौरान वह अपने पैरों पर कुछ सेकंड के लिए खड़ी हुईं लेकिन लंबे समय से ग्रैविटी में नहीं रहने की वजह से वह संतुलन नहीं बना पा रही थी, जिस वजह से उन्हें दो लोगों ने उठाकर स्ट्रैचर पर बैठाया.
बता दें कि दोनों अंतरिक्ष यात्री केवल 8 दिनों के लिए ही रवाना हुए थे. लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते उन्हें 9 महीने का वक्त वहां गुजारना पड़ा. 5 जून 2024 को बोइंग के नए स्टारलाइनर क्रू कैप्सूल के जरिए उन्हें अंतरिक्ष में भेजा गया था. विल्मर और विलियम्स ने अंतरिक्ष में 286 दिन बिताए, जो कि मूल रूप से निर्धारित समय से 278 दिन अधिक था.
नासा के अनुसार, सुनीता विलियम्स और उनकी टीम ने 900 घंटे का शोध पूरा किया. उन्होंने 150 से अधिक प्रयोग किए और एक नया रिकॉर्ड बनाया – अंतरिक्ष में सबसे अधिक समय बिताने वाली महिला का. उन्होंने स्पेस स्टेशन के बाहर 62 घंटे और 9 मिनट बिताए. यानी 9 बार स्पेसवॉक किया.
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