
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा के सुपरटेक ट्विन टॉवर विध्वंस मामले की शुक्रवार को सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट को जानकारी देते हुए बताया गया कि ट्विंस टॉवर को 21 अगस्त को गिराया जाएगा. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पारदीवाला को मामले के बारे में अधिवक्ता ने जानकारी दी. सुनवाई के दौरान वकील ने कोर्ट से कहा, ‘पिछले बैठक के बाद से क्या हुआ. इस पर हमने एक स्थिति रिपोर्ट दायर की है. एक बैठक 7 जून को की गई और दूसरी बैठक 19 जुलाई को थी.’ वकील ने कोर्ट के बताया कि एडिफिस इंजीनियरिंग ने आश्वासन दिया है कि 21 अगस्त 2022 को दोपहर ढाई बजे विध्वंस होगा. आरडब्ल्यूए के सदस्यों ने ट्विन टॉवर के स्ट्रक्चरल ऑडिट की है.
बता दें कि ट्विन टॉवर में होने वाले धमाकों से पहले करीब 7 हजार लोगों को फ्लैट खाली करना पड़ेगा. इस पूरी प्रक्रिया को इवेक्यूवेशन प्लान में शामिल किया गया है. सुपरटेक एमरल्ड के 14 टावरों में 660 फ्लैट और एटीएस में 736 फ्लैट बने है. इन फ्लैटों में सामान को छोड़कर सभी लोग और पालतू जानवरों को भी यहां से जाना होगा. 100 मीटर की रेडियस में बेसमेंट और सरफेस पार्किंग खाली रहेंगे. इन वाहनों को दूसरे स्थान पर खड़ा करना होगा. एडवाइजरी एडिफिस की ओर जारी की गई है. पूरी जांच पड़ताल के बाद ही 21 अगस्त दोपहर ढाई बजे ब्लास्ट किया जाएगा. ब्लास्ट के दो घंटे बाद लोग अपने घर में जा सकेंगे.
ट्विन टावर के अंतिम विस्फोट के दिन 500 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. अंतिम विस्फोट से पहले अभ्यास भी होगा. टावर को ध्वस्त करने के काम में लगी एडिफिस इंजीनियरिंग के अधिकारियों के अनुसार, 21 अगस्त को विस्फोट से पहले भूतल के अलावा टावर के आसपास सुरक्षा इंतजाम किए जा रहे हैं. इसमें भूतल में मलबा भरने के अलावा टावर के आसपास कंटेनर लगाने और पीएनजी गैस की पाइपलाइन को बचाने के लिए सेफगार्ड लगाकर ऊपर मलबा भरा जा रहा है.
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