
नई दिल्ली । पाकिस्तान (Pakistan) के खिलाफ भारतीय सेना (Indian Army) के ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) पर टिप्पणी करने वाले हरियाणा (Haryana) की अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद (Associate Professor Ali Khan Mahmoodabad) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से सशर्त जमानत मिलने के बाद गुरुवार शाम रिहा कर दिया गया। उनके वकील कागजात लेकर आए और उन्हें सोनीपत जेल से रिहा कर दिया गया। सोनीपत से वह दिल्ली रवाना हो गए। एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए हरियाणा पुलिस की दर्ज दो एफआईआर की जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। कोर्ट ने हरियाणा डीजीपी को 24 घंटे में तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों, जिनमें एक महिला अधिकारी शामिल हो, की एसआईटी बनाने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी शर्त रखी कि असिस्टेंट प्रोफेसर महमूदाबाद ऑपरेशन सिंदूर, हाल के आतंकी हमले या भारत की जवाबी कार्रवाई पर कोई टिप्पणी, लेख या भाषण नहीं देंगे।
असिस्टेंट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। एक एफआईआर हरियाणा भाजपा युवा मोर्चा के महासचिव योगेश जठेरी की शिकायत पर और दूसरी हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर सोनीपत में दर्ज हुई थी। एफआईआर में प्रोफेसर पर देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरा पहुंचाने, सांप्रदायिक नफरत फैलाने और महिला सैन्य अधिकारियों का अपमान करने के आरोप लगाए गए थे। 18 मई को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। अली खान का केस सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल लड़ रहे हैं।
महिला आयोग ने पोस्ट का लिया था स्वतः संज्ञान
प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद सोनीपत की अशोका विश्वविद्यालय में राजनीतिक विज्ञान पढ़ाते हैं और उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक महमूदाबाद रियासत के शाही परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने लखनऊ के ला मार्टिनियर कॉलेज और फिर इंग्लैंड के किंग्स कॉलेज स्कूल से शुरुआती शिक्षा ली। साल 2001 में उन्होंने विनचेस्टर कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और बाद में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी से पीएचडी की। उन्होंने सीरिया के दमिश्क में भी पढ़ाई की है। प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एयर स्ट्राइक के बाद एक पोस्ट लिखी थी। इसमें उन्होंने उन्होंने महिला अधिकारी कर्नल कुरैशी और विंग कमाडंर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को प्रतीकात्मक बताते हुए फेसबुक पोस्ट में लिखा कि अगर यह जमीनी स्तर पर बदलाव नहीं लाएगी, तो यह केवल दिखावा होगा। इस पोस्ट पर महिला आयोग ने इस पोस्ट का स्वतः संज्ञान लेते हुए उन्हें नोटिस भेजा था और 14 मई को पेश होने के लिए बुलाया गया था। लेकिन वह वह आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, सिर्फ लिखित जवाब भेजा। बाद में इस मामले में सोनीपत में प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ दो केस दर्ज हुए।
एफआईआर की जांच के लिए एसआईटी गठित
ऑपरेशन सिंदूर पर विवादित इंटरनेट मीडिया पोस्ट को लेकर गिरफ्तार किए गए अशोका यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद पर दर्ज एफआईआर की जांच के लिए हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर ने अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (अपराध) ममता सिंह की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर दी है। करनाल के पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया और गुरुग्राम एसटीएफ के पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण को एसआईटी में सदस्य बनाया गया है।
पुलिस महानिदेशक ने एसआईटी गठित करने के अपने आदेश में कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 21 मई को पारित आदेश के अनुपालन में आइपीएस ममता सिंह की अगुवाई में बना विशेष जांच दल 17 मई को दर्ज एफआईआर के मामले में जांच करेगा। इस केस में दो एफआईआर दर्ज हैं। एसआईटी दोनों एफआइआर की जांच तेजी से पूरी करेगी और बीएनएसएस (भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता) 2023 की धारा 193 के तहत जल्द से जल्द एक रिपोर्ट पेश करेगी।
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