
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को एक याचिका खारिज कर दी, जिसमें अरुंधति रॉय (Arundhati Roy) की पुस्तक ‘मदर मैरी कम्स टू मी’ (book Mother Mary Comes to Me) की बिक्री, वितरण और प्रदर्शन पर इस आधार पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था कि पुस्तक के आवरण पर उन्हें (लेखिका) सिगरेट पीते (Smoking cigarettes) हुए दिखाया गया है जो कि कानून का उल्लंघन है। राजसिम्हन नामक व्यक्ति ने इस मुद्दे पर केरल उच्च न्यायालय की ओर से अपनी जनहित याचिका खारिज होने के बाद उच्चतम न्यायालय में अपील दायर की थी, जिसे भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने खारिज कर दिया।
धारा पांच के तहत सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध है। प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “हमें उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं दिखता।” याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, “हम नहीं जानते कि यह ‘गांजा बीड़ी’ है या सामान्य बीड़ी। इसे खुद वह पीती हुई दिखाई गई हैं।” वकील ने कहा कि किताब में बहुत ही छोटा ‘डिस्क्लेमर’ है और इसमें कानून के तहत आवश्यक प्रमुख चेतावनी नहीं है।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “किताब, प्रकाशक या लेखक का सिगरेट आदि के विज्ञापन से कोई संबंध नहीं है। यह कोई विज्ञापन नहीं है। आप लेखक के विचारों से असहमत हो सकते हैं… लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ऐसा मामला दायर करें।” रॉय की यह पुस्तक संस्मरण पर आधारित है।
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