
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट- पीएमएलए (PMLA) पर कार्ति चिदंबरम की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई शुरु कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने पीएमएल फैसले पर दाखिल पुनर्विचार याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट पीएमएलए पर अपने फैसले पर फिर से विचार करेगा.
लाइव लॉ की एक खबर के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम द्वारा दायर एक याचिका पर ये नोटिस जारी किया. जिसमें विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ मामले में 27 जुलाई के सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी. जिसमें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 के तहत प्रवर्तन निदेशालय को दी गई गिरफ्तारी, कुर्की और तलाशी और जब्ती की शक्ति को बरकरार रखा गया था.
सीजेआई एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के प्रावधानों को कायम रखने वाले फैसले के दो पहलुओं पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. पहला- आरोपी को ईसीआईआर प्रति प्रदान करने की कोई कानूनी आवश्यकता नहीं है और दूसरा- बेगुनाही की धारणा को उलटा जाना.
सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच में जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार भी शामिल हैं. पीठ ने कहा कि इस मामले में विस्तृत सुनवाई की कोई जरूरत नहीं है. हम तीनों को लगता है कि निर्णय में 2 पहलू ऐसे हैं जिन पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. हम काले धन की रोकथाम के पूर्ण समर्थन में हैं. देश ऐसे अपराध बर्दाश्त नहीं कर सकता.
केंद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने याचिका का विरोध किया. उन्होंने कहा कि समीक्षा के लिए रिकॉर्ड में स्पष्ट त्रुटि होनी चाहिए. और यह एक अकेला कानून नहीं है, बल्कि यह भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के अनुसार है.
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