
नई दिल्ली । बलात्कार के एक मामले में सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने महिला (Woman) को कुंडली (Horoscope) की जांच कर रिश्ता शुरू करने के लिए कह दिया। दरअसल, इस मामले में महिला के आरोप थे कि आरोपी ने शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे, लेकिन बाद में कुंडली नहीं मिलने के कारण बात कहकर मुकर गया। खास बात है कि इस मामले में आरोपी SP यानी पुलिस अधीक्षक और पीड़ित महिला पुलिस उपाधीक्षक (DSP) है। दोनों साल 2014 में एक ही जिले में सेवाएं दे चुके हैं। शीर्ष न्यायालय ने दोनों को सौहार्दपूर्ण समाधान निकालने के लिए कहा है।
याचिका पर जस्टिस केवी विश्वनाथन और जेबी पारदीवाला सुनवाई कर रहे थे। इस केस को पटना हाईकोर्ट ने साल 2024 में रद्द कर दिया था, जिसके बाद पीड़ित महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने सवाल किया कि किस आधार पर FIR दर्ज की गई थी, तो महिला को वकील ने कहा कि आरोपी ने शादी का वादा कर उसके साथ यौन संबंध बनाए थे।
इसपर जज ने कहा, ‘आपने उसके वादे पर रिश्ता बनाए रखा? यह आपका मामला है?’ वकील ने कहा कि आरोपी की तरफ से रिश्ते की पेशकश की गई थी, लेकिन बाद में उसने शादी से इनकार कर दिया। जब बेंच ने मुकरने को लेकर सवाल किया, तो वकील ने कहा, ‘क्योंकि कुंडलियां नहीं मिल रही थीं।’ इसपर जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि लग रहा है कि ज्योतिष की सलाह देर से ली गई।
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत ही जरूरी सवाल है। अगर सितारे नहीं मिल रहे हैं, तो आप अच्छा वैवाहिक जीवन कैसे बिताएंगे? ऐसे में रिश्ते की शुरुआत करने से पहले आपको कुंडलियां मिलानी चाहिए थीं। आपने सिर्फ शादी के समय पर ही ज्योतिष से संपर्क किया।’
5 करोड़ रुपये की मांग
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मामला सुलझाने के लिए पूर्व में की गईं कोशिशों के बारे में पूछा। इसपर आरोपी के वकील के परमेश्वर ने कहा कि दोनों पक्षों को पिछले आदेश में समझौते का रास्ता खोजने के लिए कहा गया था, लेकिन मांगी गई रकम उनके क्लाइंट की क्षमता से बाहर है। वकील ने कहा, ‘5 करोड़ रुपये क्षमता से बाहर हैं। मेरी शादी हो चुकी है और 2 बच्चे हैं।’
इसपर जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि रकम बड़ी है, लेकिन महिला के वकील ने कहा कि उनकी क्लाइंट पर रिश्ता शुरू करने का दबाव डाला गया था। इसपर जस्टिस पारदीवाला ने कहा, ‘इस पर कौन भरोसा करेगा। आप डीएसपी हैं।’ वकील ने कहा कि आरोपी ने बड़ा अधिकारी होने के चलते बार-बार दबाव डाला और मैसेज के जरिए बात करने की कोशिश करता रहा। कोर्ट को बताया गया कि महिला की उम्र 40 साल से ज्यादा थी और आरोपी अधिकारी उनसे 7 साल छोटा था।
आपस में समाधान खोजने की सलाह
कोर्ट ने कहा कि इस मामले का समाधान कानूनी लड़ाई के बजाए मध्यस्थता से होना चाहिए। इसके लिए बेंच ने जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को नियुक्त किया है। दोनों पक्षों को जस्टिस मित्तल से संपर्क करने के लिए कहा गया है, ताकि प्रक्रिया शुरू की जा सके।
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