
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) शुक्रवार यानी 22 अगस्त को उस आदेश पर फैसला (decision) सुनाएगा, जिसमें दिल्ली-NCR की सड़कों से आवारा कुत्तों (stray dogs) को हटाकर स्थायी रूप से शेल्टर होम (Shelter Home) में रखने का निर्देश दिया गया था. अदालत ने 11 अगस्त को ये आदेश पारित किया था, लेकिन इसके खिलाफ कई याचिकाएं दायर हुईं.
14 अगस्त को जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन वी अंजारिया की तीन सदस्यीय स्पेशल बेंच ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस दौरान अदालत ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों की समस्या स्थानीय निकायों की लापरवाही, नसबंदी और टीकाकरण नियमों को लागू न करने का नतीजा है.
सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि 2024 में देशभर में लगभग 37.15 लाख डॉग बाइट के मामले दर्ज हुए, यानी प्रतिदिन करीब 10,000. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 2023 में 305 लोगों की मौत डॉग बाइट से हुई थी.
सुप्रीम कोर्ट का पुराना फैसला
11 अगस्त को जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की बेंच ने अधिकारियों को आदेश दिया था कि वे तुरंत सड़कों से कुत्ते उठाकर शेल्टर होम्स में रखें और शुरुआती तौर पर कम से कम 5000 कुत्तों के लिए आश्रय गृह बनाएं. अदालत ने चेतावनी भी दी थी कि इस काम में बाधा डालने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी.
देशभर में हुआ व्यापक विरोध
कोर्ट ने ये आदेश एक मीडिया रिपोर्ट पर स्वतः संज्ञान लेते हुए पारित किया. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने से, खासकर बच्चों में रेबीज के मामले बढ़ रहे हैं. अदालत ने इस मामले की सुनवाई 28 जुलाई को शुरू की थी. हालांकि देशभर में इस आदेश का व्यापक विरोध हुआ और कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से इसे रोकने की अपील की. अब 22 अगस्त को विशेष पीठ इस मामले पर अपना आदेश सुनाएगी.
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