स्टाकहोम (stockholm)। नाटो समूह में स्वीडन (Sweden in the NATO group) को जल्द शामिल किया जाएगा। इस संबंध में सैन्य गठबंधन के महासचिव जेन्स स्टोल्टेनबर्ग (Secretary General Jens Stoltenberg) ने सोमवार को कहा कि तुर्की की मंजूरी के बाद स्वीडन (Sweden) को नाटो में जल्द शामिल किया जाएगा।
स्टोलटेनबर्ग ने एक साक्षात्कार में बताया कि तुर्की की मंजूरी के बाद स्वीडन का नाटो में शामिल होने का रास्ता साफ हो गया है। मई में, स्वीडन और फिनलैंड ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद सैन्य गुटनिरपेक्षता की अपनी दीर्घकालिक नीतियों को छोड़ दिया और नाटो में शामिल होने के लिए आवेदन किया था। इस कदम के लिए गठबंधन के सदस्यों की एकमत स्वीकृति की आवश्यकता है। लेकिन तब तुर्की ने स्वीडन का विरोध किया था।
पिछले महीने, तुर्की के विदेश मंत्री मेवलुत कावुसोग्लु ने कहा कि अंकारा का समर्थन हासिल करने के लिए स्वीडन ने जो वादे किए थे स्वीडन ने उन में से अभी तक आधे भी पूरे नहीं किए हैं। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब स्वीडन की एक अदालत ने कथित तौर पर 2016 के असफल तख्तापलट से जुड़े व्यक्ति को प्रत्यर्पित किए जाने के विरूद्ध फैसला दिया है।तुर्की सरकार ने गुलेन पर 2016 के तख्तापलट की कोशिश का मास्टरमाइंड होने का आरोप लगाया है, जिसे स्वीडन नकारता है। हालांकि, स्वीडन की शीर्ष अदालत ने पत्रकार बुलेंट केन्स के प्रत्यर्पण से इनकार कर दिया है, जिन पर तुर्की ने तख्तापलट की साजिश रचने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया था।28 नाटो देशों की संसदों ने पहले ही स्वीडन और फिनलैंड की सदस्यता की पुष्टि कर दी है।
स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टरसन ने कहा है कि स्वीडन ने अपने वादे पूरे किए हैं इसकी पुष्टि तुर्की भी कर रहा है। अब इस बारे में तुर्की को फैसला करना है। क्रिस्टरसन ने स्की रिसॉर्ट सालेन में तीन दिवसीय पीपुल्स एंड डिफेंस कॉन्फ्रेंस के पहले दिन रविवार को कहा कि हमारी फिनलैंड और तुर्की के साथ प्रत्यर्पण की उचित व्यवस्था है। इस कार्यक्रम में स्टोलटेनबर्ग और स्वीडिश विदेश नीति और सुरक्षा विशेषज्ञों ने भाग लिया।एजेंसी/ (हि.स.)
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