
सिडनी। आस्ट्रेलिया (Australia) में सिडनी की ऐतिहासिक हार्बर ब्रिज (Sydney’s Historic Harbor Bridge) पर रविवार को गाजा के समर्थन (Support for Gaza) और इजरायल के खिलाफ (Against Israel) अब तक का सबसे बड़ा प्रदर्शन देखने को मिला। बारिश के बावजूद करीब 90 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। हाथों में फिलिस्तीनी झंडे, खामेनेई के पोस्टर और बर्तन लेकर जुटे लोगों ने इजरायल पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने और गाजा में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने की मांग की। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व विदेश मंत्री बॉब कार और विकिलीक्स संस्थापक जूलियन असांज भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
इस प्रदर्शन को ‘मार्च फॉर ह्यूमैनिटी’ नाम दिया गया था, जिसका आयोजन Palestine Action Group Sydney ने किया। आयोजकों का कहना है कि उनका मकसद ग़ज़ा में राहत पहुंचाना, इजरायली सेना की वापसी और हथियारों पर प्रतिबंध लगवाना है। प्रदर्शन में शामिल लोगों ने जमकर नारेबाज़ी की— “वी आर ऑल पलेस्टीनियंस”, “लॉन्ग लिव इंतिफ़ादा” जैसे नारों से माहौल गूंज उठा। हालांकि, इस मार्च में न तो हमास का जिक्र किया गया, और न ही बंधकों की बात हुई।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
इस प्रदर्शन का आयोजन ‘पैलेस्टाइन एक्शन ग्रुप सिडनी’ ने किया था। समूह ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में कहा कि उनकी तीन प्रमुख मांगें हैं। जिनमें गाज़ा में मानवीय सहायता पहुंचाने पर लगे प्रतिबंध हटाए जाएं, इज़रायल तत्काल युद्धविराम कर गाज़ा से पूरी तरह हटे और इज़रायल पर प्रतिबंध और हथियार आपूर्ति पर पाबंदी लगे। हालांकि, प्रदर्शन में हमास या गाज़ा में बंधक बनाए गए 50 इज़रायली नागरिकों का कोई ज़िक्र नहीं किया गया।
न्यू साउथ वेल्स पुलिस के मुताबिक, मार्च में करीब 90,000 लोग शामिल हुए—जो अनुमान से कहीं ज़्यादा था। आयोजकों का दावा है कि संख्या 3 लाख तक पहुंची। राज्य प्रशासन और पुलिस ने शुरुआत में ब्रिज पर इस मार्च की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन शनिवार को राज्य के सुप्रीम कोर्ट ने प्रदर्शन की इजाजत दी।
सुरक्षा इंतज़ाम
अधिकारियों ने बताया कि 1,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। “कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इतनी भीड़ को बिना तैयारी के हर रविवार संभालना मुश्किल होगा,” कार्यवाहक डिप्टी पुलिस कमिश्नर पीटर मैकेना ने कहा। सिडनी के साथ-साथ मेलबर्न में भी इसी तरह का विरोध मार्च हुआ।
इज़रायल का रिएक्शन
इज़रायल ने इन आलोचनाओं को खारिज करते हुए कहा है कि वो भुखमरी की नीति नहीं अपना रहा और हमास ही गाज़ा में मानवीय सहायता चुरा रहा है। इज़रायल के मुताबिक, अब तक गाज़ा में 20,000 से अधिक हमास लड़ाके मारे जा चुके हैं, जबकि अक्टूबर 7 के हमले में 1,200 इज़रायली मारे गए थे और 250 से अधिक को बंधक बनाया गया था।
उधर, हमास-शासित गाज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि अब तक 60,000 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं या लापता हैं, हालांकि इनमें लड़ाके और नागरिकों में अंतर नहीं किया गया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved