
नई दिल्ली । सीरिया (Syria) में गुरुवार को हुए हिंसक संघर्षों (violent conflicts) में 1000 से अधिक लोग मारे गए हैं। सुरक्षा बलों (Security Forces) और पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद (Bashar Al Assad) के समर्थकों (Supporters) के बीच संघर्ष के दौरान हिसा हुई थी। एसोसिएटेड प्रेस ने इसकी जानकारी दी है। यह हिंसा तब शुरू हुई जब वर्तमान सरकार के पक्ष में गोलियां चलाने वाले बंदूकधारियों ने पूर्व राष्ट्रपति असद के प्रति वफादार अलावित अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बदले की भावना से हत्या की शुरुआत की। अब हिंसा कुछ हद तक रुक गई है और सरकार ने अधिकांश इलाकों पर नियंत्रण पुनः स्थापित कर लिया है। अधिकारियों ने स्थिरता बहाल करने के लिए तटीय क्षेत्र की ओर जाने वाली सभी सड़कें बंद कर दी हैं, जहां हिंसा का केंद्र था।
सीरियाई मानवाधिकार वेधशाला ने कहा कि संघर्षों में 745 नागरिक मारे गए, जिनमें से अधिकांश को नजदीक से गोलियों से मारा गया था। इसके अलावा, 125 सरकारी सुरक्षा बलों के सदस्य और असद से जुड़े सशस्त्र समूहों के 148 उग्रवादी भी मारे गए हैं।
अलावित समुदाय पर हमले
असद शासन के दौरान अलावितों को सेना और अन्य उच्च पदों पर प्रमुख स्थान मिला था। हालांकि, तीन महीने पहले नए शासन की शुरुआत के साथअलावित समुदाय को बार-बार उनके पूर्व राष्ट्रपति से जुड़े होने के कारण निशाना बनाया गया है।
बिजली और पानी की कटौती
ब्रिटेन स्थित सीरियाई मानवाधिकार वेधशाला ने कहा कि हिंसा के साथ-साथ कई अलावित बहुल क्षेत्रों में बिजली और पीने का पानी भी काट दिया गया है। अलावित गांवों के लोगों ने एपी को बताया कि समुदाय के कई घरों को लूटा गया और फिर आग लगा दी गई।
लेबनानी राजनेता की चिंता
लेबनान के राजनेता हैदर नासिर अपने देश की संसद में अलावित समुदाय के लिए निर्धारित दो सीटों में से एक पर बैठते हैं। उन्होंने कहा कि लोग अपनी सुरक्षा के लिए सीरिया से लेबनान भाग रहे हैं।
महिलाओं पर हमले
गवाहों ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि महिलाओं को कथित तौर पर निर्वस्त्र करके सड़कों पर घुमाया गया और फिर गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस भयावह दृश्य ने हिंसा को और भड़का दिया।
बानियास में हाहाकार
बानियास शहर को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। वहां सड़कों पर शव पड़े हुए थे। इमारतों की छतों पर भी लाशें देखी गईं। बंदूकधारियों ने नागरिकों को शवों को दफनाने से रोक रखा था। एक निवासी ने एपी को बताया, “यह बहुत बुरा था। शव सड़कों पर थे। लोग अपने शहर से भाग रहे थे। बंदूकधारी बिना किसी कारण के गोलियां चला रहे थे। घरों और कारों को भी जलाया जा रहा था।”
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