
भोपाल: राजधानी भोपाल (Bhopal) में ऐशबाग रेलवे ओवरब्रिज (Aishbagh Railway Overbridge) निर्माण के दौरान हुई गंभीर लापरवाही पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. सीएम के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग (Public Works Department) के दो चीफ इंजीनियर सहित कुल 7 इंजीनियरों को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspended) कर दिया गया है. इसके साथ ही एक रिटायर्ड सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर के खिलाफ भी कार्रवाई की तैयारी है.
भोपाल के ऐशबाग में बन रहा आरओबी पिछले कुछ दिनों से अपने अजीबोगरीब डिजाइन के चर्चा में बना हुआ है. जिसमें ब्रिज पर 90 डिग्री का मोड़ दिया है. इसको लेकर ब्रिज सोशल मीडिया और राजनैतिक गलियारों तक चर्चा में बना हुआ था. आम नागरिकों और विशेषज्ञों ने इस पर सवाल उठाए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने मामले की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा गठित जांच कमेटी ने निर्माण में कई गंभीर तकनीकी खामियों और अनदेखी की पुष्टि की. रिपोर्ट के आधार पर 8 इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिनमें दो प्रमुख चीफ इंजीनियर भी शामिल हैं. इसके अलावा जिस एजेंसी ने यह डिजाइन तैयार किया था, उसे और संबंधित डिजाइन कंसल्टेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है.
सरकार ने अब आरओबी के डिजाइन और निर्माण में जरूरी सुधारों के लिए एक नई तकनीकी कमेटी का गठन किया है. जो निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों की जांच करेगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जब तक सभी तकनीकी सुधार पूर्ण नहीं हो जाते और सेफ्टी मानक पूरे नहीं होते, तब तक इस ब्रिज का लोकार्पण नहीं किया जाएगा.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, जनता की सुरक्षा और हित सर्वोपरि है. किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. यह कार्रवाई एक सख्त संदेश है कि सरकारी योजनाओं में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा. इस कार्रवाई के बाद राज्य के अन्य निर्माण कार्यों में भी सख्त निगरानी और जवाबदेही तय किए जाने की तैयारी में सरकार है.
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