भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

चार देश चालीस कहानिया किताब में संजीव ने शब्द नहीं एहसास पिरोए हैं

शबनम से लिखूं अश्कों से लिखूं मैं दिल की कहानी कैसे लिखूं, फूलों पे लिखंू हाथों पे लिखूं, होठों की ज़बानी कैसे लिखूं। बहरहाल…मौजूं कोई भी हो संजीव शर्मा के लिए उसे लफ्ज़़ों और अहसास में पिरोना मुश्किल नहीं। संजीव मिजाज़ से जज़्बाती और हस्सास (संवेदनशील) हैं। लिखना उनकी आदत में शामिल है और उनकी […]