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लोकतंत्र में परिवारवादी परम्परा के निहितार्थ

– गिरीश्वर मिश्र पीछे मुड़ कर देखें तो आधुनिक भारत में स्वतंत्रता संग्राम के चलते राजनीति का रिश्ता देश-सेवा और देश के लिए आत्मदान से जुड़ गया था। इस पृष्ठभूमि के अंतर्गत राजनीति में आने वाले आदमी में निजी हित स्वार्थ से ऊपर उठ कर समाज के लिए समर्पण का भाव प्रमुख था। ‘सुराजी’ ऐसे […]

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हिंसक किसान आंदोलन के निहितार्थ

– आर.के. सिन्हा मरने -मारने के अंदाज में किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं। चुनाव माहौल गरम होते ही वे दिल्ली को घेरने के इरादे पर डट जाते हैं। पंजाब से दिल्ली आ रहे किसान हरियाणा में पुलिस से जगह-जगह पर बिना किसी बात के भिड़ रहे हैं। किसानों का ‘दिल्ली चलो’ […]

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पूर्वोत्तर में कांग्रेस के ‘पराई’ होने के निहितार्थ

– डॉ. रमेश ठाकुर सियासत अपने रंग-ढंग बदलती रहती है जिसकी पटकथा समय लिखता है, जो समय के साथ नहीं बदलता, समय उसे बदल देता है। समय की गति को समझने में कांग्रेस शायद गच्चा खा गई। पूर्वोत्तर से कांग्रेस का तकरीबन बोरिया-बिस्तर बंध चुका है। एक जमाना था, जब पूर्वोत्तर राज्यों में मुल्क के […]

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विपक्षी एकता के निहितार्थ

– सुरेश हिन्दुस्थानी राजनीति में कब क्या हो जाए कुछ भी विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता। आज से कुछ ही दशक पूर्व जिस प्रकार से विपक्ष के राजनीतिक दल कांग्रेस को सत्ता से हटाने के लिए भरसक प्रयास करते थे, वैसे ही प्रयास आज भी हो रहे है। इस बार के प्रयासों में […]

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एनआईए के ‘ऑपरेशन ध्वस्त’ के निहितार्थ

– कमलेश पांडेय राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंक, तस्कर और गैंगस्टर के अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ को हतोत्साहित और नेस्तनाबूद करने के लिये 17 मई को नए सिरे से ऑपरेशन ध्वस्त को अंजाम दिया है। इसके लिए एनआईए और संबंधित राज्यों की पुलिस की जितनी प्रशंसा की जाए, वह कम है। इस बात में कोई दोराय […]

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योगी आदित्यनाथ की अयोध्या यात्रा के निहितार्थ

– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नगर निगम चुनाव की दृष्टि से अनेक क्षेत्रों में जनसभा कर रहे हैं। वह स्थानीय मुद्दों के साथ ही प्रदेश मे विकास और कानून व्यवस्था का उल्लेख करते हैं। इस क्रम में उनकी अयोध्या यात्रा का व्यापक महत्व है। छह वर्ष पहले तक अयोध्या उदास […]

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बाइडन की यूक्रेन यात्रा के निहितार्थ

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की यूक्रेन यात्रा ने सारी दुनिया को आश्चर्यचकित कर दिया है। वैसे पहले भी कई अमेरिकी राष्ट्रपति जैसे जाॅर्ज बुश, बराक ओबामा और डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान में गए हैं लेकिन उस समय तक इन देशों में अमेरिकी फौजों का वर्चस्व कायम हो चुका था लेकिन यूक्रेन में […]

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सहमति से संबंधों पर नए नैरेटिव के निहितार्थ

– डॉ. अजय खेमरिया देश में हर साल बाल विवाह होते हैं और इसे रोकने के लिए सख्त कानून भी बना हुआ। क्या बाल विवाह की संख्या को देखते हुए देश में बेटियों के विवाह की आयु 18 से घटाकर 16 कर दी जानी चाहिये? लेकिन सरकार तो विवाह की आयु अब बढ़ा कर 21 […]

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हिन्दुत्व के सुर्खियों में होने के निहितार्थ

– हृदयनारायण दीक्षित हिन्दू और हिन्दुत्व लम्बे समय से चर्चा में है। भारत में ईसाई एवं मुसलमान आबादी को छोड़कर बाकी सब लोग वैदिक धर्म का पालन करते हैं। इस परम्परा में धर्म पालन की बाध्यता नहीं है। हिन्दू परिपूर्ण लोकतांत्रिक एक जीवनशैली है। डॉ. रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने संस्कृति के चार अध्याय (103) में […]

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दिल्ली हिंसा के निहितार्थ

– डॉ. रमेश ठाकुर बुनियादी सवाल यही है कि दिल्ली हिंसा सुनियोजित थी? यह ट्रेलर मात्र है, पिक्चर अभी शेष है? या इसकी नींव राजनीतिक स्वार्थ को ध्यान में रखकर राजनीतिक शास्त्र ने रखी। घटना के बाद ऐसे कुछ सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठने भी चाहिए, आखिर ऐसा क्या है जो किस्तों में कुछ […]