– योगेश कुमार गोयल पर्यावरणीय स्वास्थ्य का मानव स्वास्थ्य से गहरा संबंध है। हमारा पर्यावरण जितना स्वस्थ होगा, हमारा स्वास्थ्य भी उतना ही अच्छा होगा। इसका सीधा सा अर्थ है कि हम अपने स्वास्थ्य के लिए काफी हद तक पर्यावरण के प्रति उत्तरदायी हैं और इसलिए पर्यावरणीय स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्रमुख जिम्मेदारी […]
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महज 80 दिनों में कुदरत ने उत्तराखंड में भयानक कहर बरपाया
देहरादून । उत्तराखंड में (In Uttarakhand) महज 80 दिनों में (In Just 80 Days) कुदरत (Nature) ने भयानक कहर बरपाया (Wreaked Havoc) । कई जगह बाढ़ का कहर देखने को मिला, तो कहीं बादल फटने की और भूस्खलन की घटनाओं ने दिल दहला दिया। न जाने कितनी ही मासूम ज़िंदगियाँ काल के गाल में समा […]
चीन पर प्रकृति की दोहरी मार, पहले बाढ़ से तबाही; अब गहराया खाने का संकट
बीजिंग। चीन पर हाल के समय में कुदरत का ऐसा कहर टूटा है कि चीन में बाढ़ से हाहाकार मच गया है। बाढ़ से तबाही का मंजर दुनिया ने देखा। बाढ़ से शहर के शहर पानी में डूब गए। इसी बीच बाढ़ के कारण अब चीन के लोगों को खाने का संकट भी गहरा रहा […]
विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस: समझनी ही होगी प्रकृति की मूक भाषा
– योगेश कुमार गोयल प्रदूषित हो रहे पर्यावरण के आज जो भयावह खतरे हमारे सामने आ रहे हैं, उनसे शायद ही कोई अनभिज्ञ हो और हमें यह स्वीकार करने से भी गुरेज नहीं करना चाहिए कि इस तरह की समस्याओं के लिए कहीं न कहीं जिम्मेदार हम स्वयं भी हैं। पेड़-पौधों की अनेक प्रजातियों के […]
परिंदों के दोस्त नेचर फोटोग्राफर देवेंद्र दुबे को दुर्लभ पक्षियों के फोटो लेने का जुनून
अजीब दर्द का रिश्ता था सब के सब रोए शजर गिरा तो परिंदे तमाम शब रोए। बड़े तालाब के बिशनखेड़ी के कीचड़ वाले हिस्से में भटक रहे ये देवेंद्र दुबे हैं। हाथ मे निकोन 300 एमएम कैमरा लिए देवेंद्र प्रवासी परिंदों से लेकर कई नायाब परिंदों को अपने कैमरे में कैद करने का जबरदस्त शौक […]
श्रेष्ठ राजव्यवस्था और आनंददायी समाज
– हृदयनारायण दीक्षित दुनिया के सभी समाज सुख और आनंद के इच्छुक रहते हैं। सुख और दुख बारी बारी से आते जाते हैं। मनुष्य समाज का अंग है। लेकिन अनेक अवसरों पर मनुष्य और समाज के बीच अंतर्विरोध भी दिखाई पड़ते हैं। मनुष्य प्रकृति का भी अंग है। लेकिन मनुष्य और प्रकृति के बीच अंतर्विरोध […]
गांधी परिवार, फितरत में अहंकार
– श्याम जाजू राहुल गांधी के राजनीतिक जीवन में सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बेबुनियाद बातें करना, गलत शब्दों के प्रयोग, अनावश्यक लांछन लगाने की प्रवृत्ति नई बात नहीं है। ऐसे अनेक प्रसंग हैं। इससे वह देश में हास्यापद हो गए हैं। लोग चटखारे लेते हैं। इससे बड़ा नुकसान उनकी पार्टी को तो हुआ […]
वो हारे तो लोकतंत्र कमजोर, जीते तो मजबूत, रविशंकर प्रसाद बोले- झूठ बोलना राहुल की फितरत
नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कांफ्रेंस की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी आदत के मुताबिक भटकाने की कोशिश की और वह उनकी बेबुनियाद बातों का जवाब देने आए हैं. राहुल गांधी अयोग्य करार दिए जाने वाले अकेले नेता नहीं हैं, बल्कि बीजेपी […]
बीते 40 बरस… नैन गए तरस…
कुदरत कुछ इस तरह साथ देती है… लेने से पहले सम्हलने, संवरने की सौगात भी देती है… उन्होंने अखबार ही नहीं चलाया, हमें काबिल भी बनाया… वो संघर्ष के योद्धा थे और हम उनके दृष्टा… वो जूझते रहे, लड़ते रहे… जब यह शहर ही नहीं पूरा देश दोपहर के अखबार से परिचित नहीं था… खबरों […]
वैज्ञानिक कालगणना और भारतीय अध्यात्म
– डॉ. दिलीप अग्निहोत्री भारतीय नव वर्ष का शुभारंभ प्रकृति की नवचेतना के साथ होता है। वृक्ष नए रूप में पल्लवित होते है। प्रकृति सर्वत्र उत्साह का संचार करती है। मां दुर्गा की उपासना से माहौल भक्तिमय हो जाता है। दुनिया की सर्वाधिक प्राचीन व वैज्ञानिक कालगणना का आविष्कार भारत में हुआ था। इसमें समय […]