ब्‍लॉगर

बेटी बोझ नहीं, बरक्कत का सबब

– मनोज कुमार मन के अंधियारे को दूर करने के लिए एक दीपक जलाना जरूरी होता है. और जब भारतीय समाज बेटी की बात करता है तो उसके मन में एक किस्म की निराशा और अवसाद होता है. बेटी यानि परिवार के लिए बोझ. यह किसी एक प्रदेश, एक शहर या एक समाज की कहानी […]