
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत की तरफ से चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब भारत ने पाकिस्तान को बेनकाब करने की ठान ली है. यही कारण है कि पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को वैश्विक मंच पर उजागर करने की रणनीति बनाई है. ‘आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने के संदेश के साथ’ सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को विदेश जाने वाला है. इसमें सभी राजनीतिक दलों के सांसद शामिल हैं. हालांकि इस पर अब सियासत भी शुरू हो चुकी है. यही कारण है कि कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने डेलिगेशन में कश्मीरी पंडितों के न होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है.
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए विश्व के प्रमुख देशों में भेजे जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में कश्मीरी पंडितों के न होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि यह सरकार के पसंदीदा व्यक्तियों की सूची लगती है. यह दर्शाता है कि कश्मीरी पंडितों की आवाज दबा दी गई है और उनकी समस्याओं को अनदेखा किया जा रहा है. यह एक गंभीर चूक है जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
विवेक तन्खा ने कहा कि दुनिया भर के अलग-अलग देशों की राजधानी में 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजना सही है. उन्होंने प्रतिनिधिमंडल में एक भी कश्मीरी पंडित के शामिल न होने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि मामला कश्मीर का है और सातों प्रतिनिधिमंडलों में एक भी कश्मीरी नहीं है. ऐसा लग रहा है कि अब कश्मीरी पंडित एक भूली हुई प्रजाति हो गई है. उन्होंने आगे कहा कि यह “परेशान करने वाली” बात है कि प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से पेश सूची में या लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की तरफ से दिए गए चार नामों में कश्मीरी पंडितों का नाम नहीं है. इसके साथ मध्यप्रदेश से डेलिगेशन में एक भी सदस्य को शामिल न किए जाने पर भी उन्होंने चिंता जाहिर की है.
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