
नई दिल्ली. तमिलनाडु (Tamil Nadu) के मुख्यमंत्री (CM) एमके स्टालिन (MK Stalin) ने हिंदी (Hindi) थोपने के खिलाफ अपने पुराने स्टैंड को दोहराया है और आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार थ्री लैंग्वेज पॉलिसी (Three Language Policy) राज्य में एक और लैंग्वेज वार की दिशा में बढ़ रही है. डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन केंद्र की भाषा नीति के बड़े विरोधी रहे हैं. उनका कहना है कि तमिलनाडु में हमेशा तमिल और इंग्लिश ही चलेगा और आरोप लगाया कि बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार राज्य में हिंदी थोपने की कोशिश कर रही है.
तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष का सीएम स्टालिन को जवाब
दूसरी ओर, तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने स्टालिन की टिप्पणी के जवाब में कहा कि DMK की भाषा नीति में हिपोक्रेसी है. उन्होंने दावा किया कि जहां स्टालिन दावा करते हैं कि वह किसी भाषा का विरोध नहीं करते, वहीं तमिलनाडु के सरकारी स्कूलों के छात्रों को तीसरी भाषा सीखने का मौका नहीं दिया जाता है, जबकि प्राइवेट स्कूलों में यह सुविधा है. अन्नामलाई ने पूछा, “क्या स्टालिन का यह मतलब है कि अगर आप तीसरी भाषा सीखना चाहते हैं, तो आपको DMK सदस्यों द्वारा चलाए जा रहे सीबीएसई या मैट्रिकुलेशन स्कूलों में अपने बच्चों का दाखिला कराना चाहिए?”
अन्नामलाई ने DMK कार्यकर्ताओं पर भी तंज कसा जो हिंदी थोपने के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. “आपकी पार्टी के सदस्य, जो पेंट के डिब्बे लेकर घूम रहे हैं, लगता है कि उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी के बीच अंतर की जानकारी अपने बयान में स्पष्ट नहीं की.”
सीएम ने 5 मार्च को सर्वदलीय बैठक बुलाई
सीएम स्टालिन ने सचिवालय में कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि 5 मार्च को सभी दलों की एक बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक में जनगणना के मुद्दे पर चर्चा होगी, जिसे लेकर यह आशंका है कि तमिलनाडु अपनी लोकसभा की आठ सीटें खो सकता है, जिसका कारण उसके जनसंख्या नियोजन कार्यक्रमों की सफलता है.
जनगणना के मुद्दे पर चिंता जताते हुए स्टालिन ने कहा, “तमिलनाडु ने परिवार नियोजन कार्यक्रम के माध्यम से जनसंख्या नियंत्रण में सफलता हासिल की. अब हमारी जनसंख्या कम है, जिससे हमारी लोकसभा सीटें घटाई जा सकती हैं. इससे हमारे राष्ट्रीय मुद्दों पर आवाज उठाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है.”

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