नई दिल्ली। भाषाओं के लेकर बढ़ रहे विवाद में एक और अध्याय जुड़ गया है। तमिलनाडु सरकार में मंत्री ईवी वेलु (EV Value) ने शुक्रवार को हिंदू विवाह समारोहों (Hindu Wedding Ceremonies) के दौरान पढ़े जाने वाले संस्कृत श्लोकों (Sanskrit Verses) की नकल करते हुए सवाल किया कि आखिर इस भाषा को कौन ही समझ सकता है। आम जनता इसे समझ नहीं सकती है। जब कोई इसे समझ ही नहीं सकता तो केंद्र सरकार इसे इतनी ज्यादा वित्तीय सहायता क्यों दे रही है।
वेल्लोर में एक सार्वजनिक सभा में वेलु ने शादियों में पढ़े जाने वाले संस्कृत के श्लोकों का जिक्र करते हुए पूछा, “आखिर कौन इस भाषा को समझ सकता है?… क्या दो प्यार करने वाले लोग संस्कृत में अपने प्यार का इजहार कर सकते हैं?.. नहीं लेकिन वह तमिल में ऐसा कर सकते हैं.. तमिल एक जीवित भाषा है, जिसे हर वर्ग के लोग बोलते हैं और समझते भी हैं।”
वेलु ने संस्कृत के विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे 2500 करोड़ रुपये के फंड देने और तमिल के केवल 167 करोड़ रुपये देने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि तमिलनाडु भारत में जीएसटी देने वाला दूसरा सबसे बड़ा राज्य है इसके बाद भी हमारी मातृभाषा का प्रचार करने लिए हमें अनुपातिक रूप से कम पैसा मिलता है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार जीएसटी के जरिए हमारा पैसा लेकर संस्कृत के विकास में लगा रहे हैं। क्या उस भाषा को कोई समझता भी है। संस्कृत में आप आई लव यू नहीं बोल सकते।.. किसी शादी समारोह में अगर आप जाते हैं तो क्या आप संस्कृत में बात करते हैं?.. नहीं आप ऐसा नहीं करते हैं.. तो फिर ऐसी भाषा के विकास के लिए 2,500 करोड़ रुपये क्यों खर्च किए जा रहे हैं।”
वेलू ने केंद्र सरकार पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए कहा कि तमिलनाडु ने शिक्षा और अन्य क्षेत्रों में लगातार देश का नेतृत्व किया है। इस वजह से वह भी अपनी भाषा और सांस्कृतिक विरासत में बेहतर निवेश का हकदार है।
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