
चेन्नई। तमिलनाडु (Tamil Nadu) के शिवगंगा जिले (Sivaganga District) में पुलिस हिरासत (Police Custody) में हुई युवक की संदिग्ध मौत का मुद्दा इन दिनों पूरे राज्य में छाया हुआ है। 29 वर्षीय अजीत कुमार (Ajit Kumar) की मौत को लेकर विपक्ष से लेकर आम जनता तक में भारी आक्रोश है। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन (CM MK Stalin) ने पीड़ित परिवार (Victim Family) को बड़ी राहत देने का एलान किया है। उन्होंने अजित कुमार के छोटे भाई को एएवीआईएन सुविधा में नौकरी (JOB) की पेशकश की है। साथ ही परिवार को एक आवासीय भूखंड आवंटित किया है। राज्य सरकार के एलान के मुताबिक, अजित कुमार के भाई नवीन कुमार को राज्य सरकार नियंत्रित दुग्ध सहकारी समिति में टेक्नीशियन के पद पर नियुक्त किया जाएगा।
इससे एक दिन पहले ही सीएम स्टालिन ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था। सीएम स्टालिन ने कहा था, ‘माननीय उच्च न्यायालय ने कहा था कि सीबी-सीआईडी इस मामले में अपनी जांच जारी रख सकती है। लेकिन मैं नहीं चाहता कि जांच की निष्पक्षता पर कोई सवाल उठे। इसलिए, मैं इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आदेश दे रहा हूं। तमिलनाडु सरकार सीबीआई को पूरा सहयोग देगी।’
इसके अलावा, सीएम स्टालिन ने मामले में शामिल पुलिसकर्मियों की भी आलोचना की थी। इसके अलावा, अजितकुमार के परिजनों से फोन करके बात की थी। उन्होंने अपनी संवेदना जताते हुए अजित कुमार की मां से माफी मांगते हुए हर तरह की मदद का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने पुलिस विभाग को सख्त संदेश देते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस को जनता की उम्मीदों पर खरा उतरना चाहिए और उनकी समस्याओं का समाधान संवेदनशीलता के साथ करना चाहिए।
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