
नई दिल्ली. भारत (India) और अमेरिका (US) के बीच व्यापार संबंध (Business Relationships) इन दिनों टैरिफ विवाद (Tariff dispute) को लेकर तनावपूर्ण हो गए हैं. इसी बीच अमेरिका में भारत के राजदूत (ambassador) विनय मोहन क्वात्रा (Vinay Mohan Kwatra) ने हाउस जॉइंट इकॉनमिक कमेटी के चेयरमैन रिप्रेजेंटेटिव डेविड श्वेइकेर्ट से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत की ऊर्जा सुरक्षा, न्यायपूर्ण व्यापार और यूक्रेन युद्ध पर भारत की स्थिति को साझा किया.
विनय क्वात्रा ने बैठक में कहा कि भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए हाइड्रोकार्बन ट्रेड को बढ़ाना आवश्यक है. उन्होंने जोर दिया कि भारत निष्पक्ष, संतुलित और आपसी लाभकारी ट्रेड एंगेजमेंट का समर्थक है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यूक्रेन संघर्ष का जल्द अंत केवल संवाद और कूटनीति से ही संभव है.
हाल ही में अमेरिका ने भारत के निर्यात पर कुल 50% टैरिफ लगा दिया है. इसमें 25% “रिसिप्रोकल” टैरिफ और अतिरिक्त 25% पेनल्टी शामिल है, जो भारत की रूसी तेल खरीद से जुड़ी है. इन टैरिफ का असर भारत के लगभग 66% निर्यात पर पड़ रहा है, जिनकी कीमत FY25 में करीब 86.5 बिलियन डॉलर थी.
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर टेक्सटाइल्स, गारमेंट्स, जेम्स एंड ज्वेलरी, श्रिम्प, कार्पेट और फर्नीचर बताए जा रहे हैं. अनुमान है कि भारत का निर्यात FY26 तक घटकर लगभग 50 बिलियन डॉलर पर आ सकता है. इससे रोजगार में कमी और जीडीपी ग्रोथ पर असर पड़ने की आशंका है.
भारत ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
भारत ने इन टैरिफ को अनुचित और गैर-जरूरी करार दिया है. हालांकि, भारत ने तत्काल प्रतिशोधात्मक कदम उठाने से इनकार किया है. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय प्रभावित उद्योगों को वित्तीय राहत देने के विकल्प तलाश रहा है. भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (BTA) पर बातचीत चल रही थी, लेकिन टैरिफ विवाद के कारण अगला दौर फिलहाल टल गया है. भारत का कहना है कि किसी भी भविष्य की बातचीत में किसानों, उद्यमियों और MSMEs के हितों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी.
मिशन 500 डॉलर भारत-अमेरिका का लक्ष्य
व्यापार विवाद के बावजूद भारत और अमेरिका के रणनीतिक रिश्ते मजबूत बने हुए हैं. डिफेंस कोऑपरेशन और क्वाड जैसे मंचों पर दोनों देश करीबी सहयोग कर रहे हैं. अमेरिका FY25 में भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर रहा. दोनों देशों के बीच कुल व्यापार 131.84 बिलियन डॉलर तक पहुंचा, जिसमें भारत का सरप्लस 41.18 बिलियन डॉलर का रहा. दोनों देशों ने “Mission 500” के तहत 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य तय किया है.
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