
लंदन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump.) ने जो टैरिफ (Tariff) बम फेंका था, उसका धुंआ अब उनकी तरफ आने लगा है. रविवार को खबर आई थी कि भारत ने 25 अगस्त से अमेरिका (America) के लिए पोस्टल सर्विसेज (Postal Services) को बंद कर दिया है. अब यूरोप के देशों ने भी यही कदम उठाया है. यूरोप के कई देशों इटली, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, ऑस्ट्रिया ने अमेरिका जाने वाली डाक सेवाओं को सस्पेंड कर दिया है. सर्विस सस्पेंड होने की वजह ट्रंप के नए टैरिफ नियम हैं. ट्रंप प्रशासन की तरफ से 30 जुलाई को एक आदेश आया था जिसमें 800 डॉलर (70 हजार रुपए) तक के सामान पर मिलने वाली टैरिफ छूट को खत्म कर दिया गया है. यह छूट 29 अगस्त से खत्म हो जाएगी. ऐसे में भारत से अलग यूरोप के देश भी इससे निपटने के लिए अपने-अपने तरीके अपना रहे हैं.
अब नहीं जाएगी डाक
फॉक्स बिजनेस के अनुसार व्हाइट हाउस की तरफ से हुई घोषणा में यूरोप से अमेरिका में आने वाले फेंटेनाइल और अन्य अवैध दवाओं को इसकी वजह बताया गया था. यूरोप की सबसे बड़ी शिपिंग सर्विस प्रोवाइडर, डीएचएल ने शुक्रवार को अपनी वेबसाइट पर एक बयान में कहा कि ‘ड्यूश पोस्ट और डीएचएल पार्सल जर्मनी अब अमेरिका जाने वाले व्यावसायिक ग्राहकों से सामान वाले पार्सल और डाक सामग्री स्वीकार और ट्रांसपोर्ट नहीं कर पाएंगे.’ डीएचएल के अनुसार यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा.
कुछ नियमों पर अनिश्चितता
डीएचएल ने कहा है कि पैकेजों पर उसके प्रतिबंध अस्थायी होंगे. डीएचएल के अनुसार ये अमेरिकी अधिकारियों की ओर से डाक शिपिंग के लिए जरूरी नई प्रक्रियाओं के चलते जरूरी हैं जो पहले लागू नियमों से अलग हैं. कंपनी ने आगे कहा कि कुछ अहम सवाल अभी तक अनसुलझे हैं खासकर आने वाले समय में सीमा शुल्क कैसे और किसकी ओर से वसूला जाएगा, किस अतिरिक्त डेटा की जरूरत होगी, और अमेरिकी सीमा शुल्क एवं सीमा सुरक्षा को डेटा ट्रांसमिशन कैसे किया जाएगा.
सिंगापुर और थाइलैंड भी
डेनमार्क, स्वीडन, इटली, ऑस्ट्रिया, फ्रांस और बेल्जियम की डाक सेवाओं ने भी इसी तरह का कदम उठाया है और अमेरिका को शिपमेंट रोक दिए हैं. बीबीसी के अनुसार, ब्रिटेन के रॉयल मेल ने भी शिपमेंट अस्थायी रूप से रोक दिया है. यूरोप के बाहर, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे एशियाई देशों ने भी कहा है कि वे नए नियमों पर अधिक स्पष्टता आने तक शिपमेंट रोकेंगे. ऑस्ट्रेलिया पोस्ट ने कहा कि उसने अमेरिका जाने वाले अन्य देशों के कुछ पार्सल के ट्रांसपोर्टेशन पर रोक लगा दी है.
रॉयल मेल के अनुसार, ब्रिटेन, अमेरिकी अधिकारियों और अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर अपनी सर्विसेज को नई अमेरिकी न्यूनतम सीमा आवश्यकताओं के अनुरूप ढालने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं ताकि ब्रिटेन के उपभोक्ता और व्यवसाय सर्विसेज को प्रयोग तब भी जारी रख सकें जब ये लागू हों.
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