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US में आईफोन बेचकर टाटा को हुई 23000 करोड़ की कमाई, देखता रह गया शंघाई

September 18, 2025

डेस्क: अमेरिका (America) को आईफोन (Iphone) बेचकर टाटा ग्रुप (Tata Group) की इलेक्ट्रॉनिक कंपनी (Electronics Company) ने मोटी कमाई की है. वो भी ऐसे समय पर जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ (Tariff) लगा दिया है. इसके अलावा एपल भी अपनी सप्लाई चेन को चीन से शिफ्ट कर भारत लाने पर फोकस कर रहा है.

रिपोर्ट के अनुसार टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने वित्त वर्ष 2025 में अमेरिका को 23 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के आईफोन सप्लाई किए हैं. जोकि कंपनी के कुल आईफोन एक्सपोर्ट रेवेन्यू का लगभग 37 फीसदी है. अमेरिका के बाद आयरलैंड दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसे टाटा ने सबसे ज्यादा एपल आईफोन सप्लाई किए हैं. उसका आंकड़ा भी 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है. जानकारों की मानें तो आने वाले सालों में इस आंकड़े में और भी ज्यादा बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स को लेकर किस तरह के आंकड़े सामने आए हैं.

पिछले वित्त वर्ष में भारतीय असेंबलर टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने अमेरिका को 23,112 करोड़ रुपए के आईफोन सप्लाई किए हैं. उसके बाद नंबर आयरलैंड का देखने को मिला है. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए आयरलैंड 23 फीसदी या 14,255 करोड़ रुपए के साथ दूसरा सबसे बड़ा रेवेन्यू जेनरेट रहा. गौरतलब है कि आयरलैंड एपल का यूरोपीय बेस है. रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को टाटा ग्रुप की कंपनी द्वारा किए गए रेगुलेटरी खुलासे से पता चलता है कि ताइवान को निर्यात ने 15 फीसदी का योगदान दिया, जबकि डॉमेस्टिक मार्केट शिपमेंट रेवेन्यू 20 फीसदी देखने को मिला.

टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के रेवेन्यू में एपल की हिस्सेदारी में तेज वृद्धि इस बात की ओर इशारा करती है कि फरवरी में ट्रंप द्वारा टैरिफ लागू करने से बहुत पहले ही एपल ने अमेरिकी बाजार के लिए आईफोन प्रोडक्शन चीन से भारत में ट्रांसफर कर दिया था. पिछले साल, कंपनी ने केवल ताइवान को एक्सपोर्ट और भारतीय बाज़ार की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आईफ़ोन असेंबल किए थे. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और ताइवान की फ़ॉक्सकॉन भारत में आईफ़ोन बनाने वाली अग्रणी कंपनियां हैं. टाटा ने दो प्लांट्स से आईफोन असेंबली और एक्सपोर्ट का काम संभाला, जिनमें भारत में पूर्ववर्ती विस्ट्रॉन की यूनिट भी शामिल है, जिसे उसने मार्च 2024 में अधिग्रहित किया था. टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स सॉल्यूशंस, जिसे पहले विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग इंडिया के नाम से जाना जाता था, वर्तमान में प्रमुख होल्डिंग कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के रूप में कार्य करती है.


भारत में आईफोन निर्माण में तेजी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स की वित्तीय स्थिति में भी तेजी से परिलक्षित होती है. कंपनी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज द्वारा दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी ने मार्च 2025 तक के 15 महीनों में कुल 75,367 करोड़ रुपए का राजस्व जेनरेट किया, जो कैलेंडर वर्ष 2023 के 14,350 करोड़ रुपए से पांच गुना से भी अधिक है. जनवरी 2024-मार्च 2025 की अवधि के दौरान शुद्ध लाभ 2023 के 36 करोड़ रुपए से बढ़कर 2,339 करोड़ रुपए हो गया. कंपनी ने अपना वित्तीय वर्ष अप्रैल-मार्च कर दिया है और इस प्रकार 15 महीने की अवधि हो गई है.

आईफोन प्रोडक्शन में वृद्धि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट्स एंड सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जिसे पहले पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी इंडिया के नाम से जाना जाता था, के वित्तीय आंकड़ों में भी परिलक्षित होती है, जिसमें टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स ने इसी जनवरी में 60 फीसदी कंट्रोल हिस्सेदारी ली थी. इस कंपनी ने 2024-25 के दौरान ऑपरेशन से रेवेन्यू में 84 फीसदी की वृद्धि दर्ज की, जो 34,264 करोड़ रुपये रहा; हालांकि, शुद्ध लाभ केवल 1 फीसदी बढ़कर 633 करोड़ रुपए देखने को मिला था. आरओसी फाइलिंग से यह भी पता चला है कि टाटा ने पेगाट्रॉन टेक्नोलॉजी में 60 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने के लिए 1,650 करोड़ रुपए का भुगतान किया. पेगाट्रॉन तमिलनाडु में प्लांट ऑपरेट करता है, जबकि विस्ट्रॉन यूनिट कर्नाटक में है, दोनों मूल रूप से ताइवानी कंपनिया हैं.

विश्लेषकों का मानना ​​है कि भारत में दो आईफोन प्लांट इस वित्त वर्ष में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की बिक्री और लाभ को और बढ़ाएंगे, क्योंकि एपल भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग बेस को लगातार मजबूत कर रहा है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के निदेशक तरुण पाठक ने ईटी की रिपोर्ट में कहा कि अब जबकि अमेरिका में बिकने वाले सभी आईफोन का 70 फीसदी से अधिक भारत में उत्पादित होता है, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की आय इस वित्तीय वर्ष में उल्लेखनीय रूप से बढ़ेगी क्योंकि वे आईफोन उत्पादन में बड़े पैमाने पर शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि फॉक्सकॉन भारत में आईफोन का प्रमुख प्रोड्यूसर बना हुआ है. एपल के सीईओ टिम कुक ने अगस्त में कंपनी की कॉल में कहा था कि अमेरिका में बिकने वाले “अधिकांश” आईफोन भारत से आते हैं और मैक, आईपैड और वॉच जैसे अधिकांश दूसरे प्रोडक्ट्स वियतनाम से आते हैं. कुक ने विश्लेषकों से कहा था कि फिर भी, दूसरे इंटरनेशनल देशों के लिए अधिकांश प्रोडक्ट्स चीन से आ रहे हैं.

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