
नई दिल्ली: सऊदी अरब (Saudi Arabia) से प्रवासी कामगारों (migrant workers) के लिए बड़ी राहत की खबर आई है. क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (Prince Mohammed Bin Salman) की अध्यक्षता में हुई सऊदी कैबिनेट की बैठक में औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी मजदूरों पर लगने वाले वित्तीय शुल्क (टैक्स) को खत्म करने का फैसला लिया गया है. इस कदम से न सिर्फ सऊदी की इंडस्ट्री को फायदा होगा, बल्कि वहां काम कर रहे करीब 3 लाख भारतीयों समेत लाखों विदेशी कामगारों को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है.
यह छूट उन औद्योगिक संस्थानों पर लागू होगी, जो सऊदी अरब में औद्योगिक लाइसेंस के तहत पंजीकृत हैं. यानी फैक्ट्रियों, मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स और इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट्स में काम करने वाले विदेशी कर्मचारियों पर अब सरकार की ओर से लगाया जाने वाला अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. इससे कंपनियों का खर्च कम होगा और कामगारों पर भी अप्रत्यक्ष बोझ घटेगा.
सऊदी सरकार का कहना है कि यह फैसला क्राउन प्रिंस की औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करने की सोच का हिस्सा है. औद्योगिक सेक्टर को सऊदी Vision 2030 का अहम स्तंभ माना जाता है, जिसका मकसद तेल पर निर्भरता कम करना और गैर-तेल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है. विदेशी मजदूरों पर टैक्स हटाने से सऊदी इंडस्ट्री की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और निर्यात को भी रफ्तार मिलेगी.
इस फैसले से सबसे ज्यादा फायदा छोटी और मझोली औद्योगिक कंपनियों (SMEs) को होगा. इन कंपनियों पर विदेशी मजदूरों की फीस का बड़ा आर्थिक दबाव रहता था. अब टैक्स हटने से उन्हें लंबे समय तक टिके रहने, नई तकनीक अपनाने और ऑटोमेशन जैसे आधुनिक तरीकों को अपनाने में मदद मिलेगी. सऊदी सरकार पहले से ही फैक्ट्रीज़ ऑफ द फ्यूचर जैसे कार्यक्रमों के जरिए इन्हें सपोर्ट कर रही है.
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