
नई दिल्ली। बिहार (Bihar) में इस साल के अंत तक विधानसभा (Assembly) के चुनाव (Election) होने है। इसको लेकर राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी तैयारी भी तेज कर चुकी है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया (Spokesperson Gaurav Bhatia) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी खुद को समाजवादी कहते हैं, असल में वे नमाजवादी (Namazwadi) हैं। भाटिया ने आरोप लगाया कि ये लोग बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के बनाए संविधान को नहीं मानते, बल्कि शरीयत कानून लागू करना चाहते हैं।
भाजपा नेता ने आगे पूरे इंडिया गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ एक समुदाय को ताकत देना चाहते हैं, न कि पिछड़े वर्गों, दलितों और महिलाओं को जैसा प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं। भाटिया ने कहा कि भाजपा संविधान की बात करेगी, ये लोग शरीयत की। फैसला जनता को करना है कि वो किसके साथ हैं। तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया कि वो संसद से पास हुए वक्फ संशोधन बिल को कूड़ेदान में फेंक देंगे।
गौरव भाटिया ने आगे तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या किसी राज्य की सरकार संसद और राष्ट्रपति द्वारा पास किए गए कानून को खारिज कर सकती है? क्या तेजस्वी संविधान से ऊपर हो गए हैं? साथ ही भाटिया ने तेजस्वी को मौलाना तेजस्वी यादव बताते हुए कहा कि वे केवल तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं और खुद कभी संविधान को पढ़ा भी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह मामला इस समय सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और अदालत ने अभी फैसला सुरक्षित रखा है। ऐसे में तेजस्वी कैसे कह सकते हैं कि कानून असंवैधानिक है?
इसके साथ ही तेजस्वी की तरफ से 20 महीने का समय मांगे जाने पर गौरव भाटिया ने कहा कि बिहार की जनता ने यादव परिवार को 10 साल से ज्यादा का वक्त दिया, लेकिन क्या मिला? कानून-व्यवस्था तबाह हो गई, जनता परेशान रही। आज ये लोग युवाओं की बात करते हैं, जबकि अब तक अपनी पार्टी में कोई भी पद या मुख्यमंत्री की कुर्सी अपने परिवार से बाहर नहीं दी। उन्होंने तेजस्वी यादव पर वंशवाद, अराजकता और जंगलराज को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि बिहार को फिर से उसी अंधेरे में ले जाया जा रहा है, जहां कभी लालू यादव शासन हुआ करता था।
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