
नई दिल्ली । बिहार (Bihar)विधानसभा चुनाव (assembly elections)की हार ने आरजेडी(RJD) को करारा झटका(a crushing blow) दिया है तो वहीं लालू यादव (Lalu Yadav)के परिवार का करार भी छीन लिया है। आपसी कलह सतह पर आ गई है। लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने घर ही छोड़ दिया है और तेजस्वी यादव के बड़े भाई तेज प्रताप तो पहले ही अलग हैं। नया दल बनाकर चुनाव भी लड़ चुके हैं। इस बीच सोमवार को जब आरजेडी विधायक दल की मीटिंग हुई तो माहौल एकदम अलग था। इस मीटिंग में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती समेत कई सीनियर नेता और समस्त विधायक मौजूद थे। तेजस्वी यादव ने जब माइक संभाला तो चेहरा उतरा हुआ था और भावुक हो गए।
पार्टी और परिवार की कलह को लेकर उन्होंने साफ कहा कि मैं परिवार देखूं या फिर पार्टी? तेजस्वी यादव ने इस दौरान बिना किसी का नाम लिए कहा कि मेरे ऊपर दबाव डाला जा रहा था कि किसी खास शख्स को मैं टिकट ना दूं। मैंने ऐसा करने से मना कर दिया। आखिर मुझे क्या करना चाहिए। मैं पार्टी देखूं या फिर परिवार को देखूं। इस तरह तेजस्वी ने साफ कर दिया कि परिवार के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर भी कुछ मतभेद थे। बता दें कि करारी हार के बाद बहन रोहिणी आचार्य ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है। इसके अलावा उन पर आरोप लगाए हैं कि तेजस्वी यादव के सलाहकार संजय यादव और रमीज ने ही चुनाव हरवा दिया।
तेजस्वी यादव जब परिवार देखूं या पार्टी देखूं की बात कहते हुए भावुक हो गए तो लालू यादव ने दखल दिया। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लालू यादव ने वहां मौजूद विधायकों से कहा कि वे तेजस्वी को राजी करें कि वही विधायक दल के नेता रहेंगे। लालू यादव के दखल के बाद मौके पर मौजूद भाई वीरेंद्र समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने सर्वसम्मति के साथ तेजस्वी यादव को नेता चुने जाने की बात कही।
लालू के दखल के बाद विधायकों ने सर्वसम्मति से चुन लिया नेता
इसके बाद तेजस्वी यादव को फिर से विधायक दल का लीडर चुन लिया गया। अब वह नेता विपक्ष होंगे। बता दें कि रोहिणी आचार्य अब भी भड़की हुई हैं और लगातार हमले बोल रही हैं। उन्होंने एक पत्रकार से भी फोन पर बात की है और मायके में रहने वाली बात कहने पर जमकर सुनाया है। यही नहीं इसका ऑडियो भी उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर किया है।
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