
हैदराबाद. भारत राष्ट्र समिति (BRS) की विधान परिषद सदस्य (MLC) के. कविता ने अपने पिता और पार्टी प्रमुख के चंद्रशेखर राव (KCR) को लिखे लेटर के लीक होने के बाद अपनी ही पार्टी के नेतृत्व और अंदरूनी लोगों पर तीखा हमला बोला है. मीडिया को संबोधित करते हुए कविता ने लेटर लीक होने के सोर्स पर सवाल उठाया और आरोप लगाया कि बीआरएस को भीतर से कमजोर किया जा रहा है, जबकि पार्टी का भाजपा में विलय करने का प्रयास किया जा रहा है.
कविता ने लेटर लीक होने पर नाराजगी और दुख व्यक्त करते हुए मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने सैकड़ों पत्र लिखे हैं. पत्र लिखने में क्या बुराई है? मैं जानना चाहती हूं कि मेरा पत्र किसने लीक किया.’ उन्होंने मौजूदा पार्टी नेतृत्व की आलोचना करते हुए कहा, ‘आप मेरा पत्र लीक करने के दोषियों को नहीं ढूंढ रहे हैं, उल्टा मुझ पर अपनी ताकत दिखा रहे हैं.’
बीआरएस का बीजेपी में बिलय की कोशिश: के. कविता
कविता ने यह भी दावा किया कि केसीआर के नाम पर लोग उनके पास गलत जानकारी लेकर आए. उन्होंने कहा, ‘लोग केसीआर के मैसेंजर बनकर मेरे पास आए और गलत जानकारी दी इससे मैं बेहद आहत हूं.’ बीआरएस-बीजेपी के संभावित विलय के मुद्दे पर के. कविता ने स्पष्ट कहा, ‘मुझे लगता है कि बीआरएस को बीजेपी को दे दिया जाएगा. यह प्रस्ताव मेरे पास तब आया जब मैं जेल में थी. मैंने तब भी इसका विरोध किया था और अब भी इसका विरोध करती हूं.’
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी और बीआरएस के मर्जर के प्रयास अब भी जारी हैं. के. कविता ने कहा, ‘चंद्रबाबू (टीडीपी प्रमुख) के जरिए वे आना चाहते हैं. मैंने उनसे साफ कहा- बीआरएस का बीजेपी में विलय नहीं होना चाहिए.’ कविता ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम से पार्टी के लाखों कार्यकर्ता प्रभावित होंगे और कहा, ‘मैं एक साल के लिए जेल जाने को तैयार हूं, लेकिन मैं ऐसा नहीं होने दूंगी.’ उन्होंने पार्टी के अंदरूनी लोगों पर हाल के चुनावों में उनकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाने से भी परहेज नहीं किया. उन्होंने पूछा, ‘बीआरएस अब इतनी कमजोर क्यों है? कौन सी पार्टी के जासूस बीआरएस में मौजूद हैं? क्या बीजेपी के हैं?’
मैं भविष्य में पार्टी बनाने से क्यों इनकार करूं: के. कविता
अपने भविष्य के राजनीतिक कदम के बारे में के. कविता ने माना कि बीआरएस के भीतर उन्हें दरकिनार करने की कोशिशें की जा रही हैं. उन्होंने कहा, ‘मुझे पार्टी से दूर करने की साजिश की जा रही है. मैं केवल केसीआर के नेतृत्व में काम करूंगी, किसी और के नेतृत्व में नहीं.’ जब उनसे नई पार्टी शुरू करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया, ‘मैं भविष्य में पार्टी बनाने से क्यों इनकार करूं? कौन जानता है कि क्या होगा?’
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