
नई दिल्ली । कर्नाटक सरकार(Karnataka Government) द्वारा अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार(International Booker Prize) से सम्मानित लेखिका बानू मुश्ताक(Author Banu Mushtaq) को मैसूरू के मशहूर दशहरा उत्सव कार्यक्रम(Dussehra Celebration Program) का उद्घाटन करने के लिए बुलाने के फैसले पर रार छिड़ा हुआ है। यह मामला राज्य में अब कांग्रेस बनाम भाजपा की सियासी लड़ाई बनती जा रही है। अब केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे भी इस राजनीतिक लड़ाई में कूद पड़ी हैं। उन्होंने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार द्वारा इस आमंत्रण के समर्थन में की गई टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है।
करंदलाजे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबे पोस्ट में लिखा है, “उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की यह टिप्पणी कि चामुंडेश्वरी मंदिर सिर्फ हिंदुओं की संपत्ति नहीं है, बहुत ही निंदनीय है।” उन्होंने आगे लिखा, “ऐसा लगता है कि वह कांग्रेस आलाकमान को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि कर्नाटक विधानसभा में आरएसएस की प्रार्थना पढ़ने के लिए लगाए गए फटकार की भरपाई कर सकें। कांग्रेस पार्टी का लहजा, तेवर और रुख हमेशा से हिंदू विरोधी और हिंदू हितों के खिलाफ रहा है।”
Deputy Chief Minister D.K. Shivakumar’s remark that Chamundeshwari Temple does not belong to Hindus is highly condemnable. It appears he is attempting to appease the Congress high command, which had reprimanded him earlier for reciting the RSS prayer in the Karnataka Legislative… pic.twitter.com/18oNhzgreF
— Shobha Karandlaje (@ShobhaBJP) August 26, 2025
मंदिर ‘धर्मनिरपेक्ष स्थान’ नहीं
केंद्रीय मंत्री ने लिखा है, “जो लोग धर्मनिरपेक्षता का उपदेश देते रहते हैं, उन्हें यह समझना चाहिए कि मंदिर ‘धर्मनिरपेक्ष स्थान’ नहीं हैं, बल्कि वे पवित्र संस्थान हैं जिनका अधिकार हिंदुओं का है।” भाजपा नेता ने लिखा है, “कांग्रेस पार्टी ने अपनी हिंदू विरोधी मानसिकता को बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है। उन्होंने बानू मुश्ताक को मैसूर दशहरा के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया, जो खुलेआम हमारे देवताओं को अस्वीकार करती हैं और अब उनके उप-मुख्यमंत्री यह कहने का साहस कर रहे हैं कि चामुंडी हिंदुओं की संपत्ति नहीं है। क्या यही कर्नाटक की आस्था और परंपराओं के प्रति उनका सम्मान है?”
चामुंडेश्वरी मंदिर केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं: डीके
एक दिन पहले जब इस विवाद पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार से पूछा गया था तो उन्होंने कहा था कि मैसुरू स्थित चामुंडी हिल, जहां प्रसिद्ध चामुंडेश्वरी मंदिर स्थित है, केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं है। शिवकुमार ने यह बयान अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार से सम्मानित बानू मुश्ताक को इस वर्ष 22 सितंबर को चामुंडी हिल की चोटी पर विश्व प्रसिद्ध ‘मैसुरू दशहरा- 2025’ समारोह का उद्घाटन करने के लिए दिए गए सरकारी निमंत्रण के विरोध पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिया।
कांग्रेस के खिलाफ भाजपा ने खोला मोर्चा
शिवकुमार ने कहा, ‘‘चामुंडी हिल और देवी चामुंडी हर धर्म की हैं, यह केवल हिंदुओं की संपत्ति नहीं है। सभी समुदायों के लोग चामुंडी हिल जाते हैं और देवी की पूजा करते हैं, यह उनकी आस्था है। हम चर्च, जैन मंदिर, दरगाह, गुरुद्वारे जाते हैं… यह (मुश्ताक का विरोध) पूरी तरह से राजनीति है।’’ शिवकुमार ने कहा था, “हिंदू मंदिरों में अल्पसंख्यक भी जाते हैं। हम मस्जिदों और चर्चों में भी जाते हैं। इसे कौन रोक सकता है?” उनके इस बयान पर विपक्षी दल भाजपा ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने भी कहा कि चामुंडी पहाड़ी पक्के तौर पर हिंदुओं की संपत्ति है, मुसलमानों की नहीं। मैसुरू के सांसद यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार ने भी शिवकुमार के बयान की निंदा की है।
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