
बिजली की डिमांड अचानक बढ़ी
रायसेन। मौसम की बेरुखी के चलते बीते एक महीने से बारिश (Barish) न होने के कारण सूखे की चपेट में आए किसान तनाव में आ गए हैं, जिसके चलते किसान जहां खड़ी फसलों पर ट्रैक्टर चलाने पर मजबूर हैं, वहीं खेती के लिए बिजली की डिमांड बढऩे से कई जगह अघोषित कटौती शुरू हो गई है।
रायसेन जिले (Raisen District) के कई किसान धान की खड़ी फसल को नष्ट कर अगली फसल की तैयारी करने लगे हैं। यह जिला मध्यप्रदेश (MP) के सबसे बड़े धान उत्पादक के रूप में जाना जाता है। यहां इस साल करीब 2 लाख 85 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में धान की फसल लगाई गई है, जो पूरी तरह नष्ट हो गई है। इसी तरह मध्यप्रदेश में दो सप्ताह से बिजली की खपत में 20 से 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी होने से किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे बिजली भी नहीं मिल पा रही है, जिससे खरीफ की फसल को नुकसान होना शुरू हो गया है। प्रकृति के साथ ही बिजली कटौती की दोहरी मार से किसानों में आक्रोश है। वे जगह-जगह बिजली कंपनी का विरोध कर रहे हैं
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