
पहलगाम: जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terror attack) को लेकर राजनीति अपने चरम पर है. पहले मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि वो पाकिस्तान के साथ युद्ध के पक्ष में नहीं है. अब उनके मंत्री कह रहे हैं कि आतंकवादियों ने धर्म पूछकर गोली नहीं मारी थी. सिद्धारमैया का बयान पाकिस्तानी मीडिया की सुर्खियां बन चुका है, जिसे उसने अपने पक्ष में दिखाया.
सिद्धारमैया सरकार के मंत्री ने विवादित बयान देते हुए कहा कि आतंकवादी अपने टारगेट की हत्या करने से पहले उसका धर्म नहीं पूछते. कर्नाटक के आबकारी मंत्री आरबी तिम्मापुर ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि हत्यारों ने गोली मारने से पहले लक्ष्य का धर्म पूछा होगा. उन्होंने कहा, “जो शख्स गोली चला रहा है, क्या वह जाति या धर्म पूछेगा? वह बस गोली चलाकर चला जाएगा. व्यावहारिक रूप से सोचें. वह वहां खड़ा होकर नहीं पूछेगा और फिर गोली नहीं चलाएगा.”
मंत्री ने कहा कि देश इस जघन्य हमले से परेशान है और आरोप लगाया कि इसे धार्मिक मुद्दे के रूप में पेश करने की साजिश रची जा रही है. कांग्रेस सरकार में मंत्री ने कहा, “मुझे लगता है कि जब वे आतंकी हमला कर रहे थे, तब उन्होंने धर्म के बारे में नहीं पूछा. अगर उन्होंने पूछा होता, तो धर्म के आधार पर मुद्दे का राजनीतिकरण करने के लिए इस तरह के बयान का इस्तेमाल करने का पागलपन नहीं होना चाहिए.”
बीजेपी प्रवक्ता सीआर केसवन ने कर्नाटक के मंत्री की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे बर्बर और दुष्ट बताया. उन्होंने कहा, “कर्नाटक कांग्रेस के मंत्री थिम्मापुर की बर्बर और दुष्ट टिप्पणी ने शोक संतप्त परिवारों की निष्ठा का अपमान किया है और पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित इस्लामी आतंकवादी हमले में मारे गए पीड़ितों के साहसी बलिदान को अपमानित किया है. राष्ट्रीय शोक की इस घड़ी में भी, सांप्रदायिक कांग्रेस पार्टी जिसने अपनी आत्मा और विवेक को धार्मिक तुष्टिकरण की अपनी वोट बैंक की राजनीति के लिए गिरवी रख दिया है, वह झूठ बोल रही है.”
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