
नई दिल्ली। एलन मस्क (Elon Musk) की इलेक्ट्रिक कार ( Electric Vehicle) बनाने वाली कंपनी टेस्ला ( Tesla) ने भारत में इलेक्ट्रिक कार ( Electric Cars) बेचने की योजना को फिलहाल होल्ड पर डाल दिया है. कंपनी ने शोरुम खोजने को प्लान को ठंडे बस्ते में डाल दिया है. दरअसल टेस्ला केंद्र सरकार भारत में प्रोडक्शन करने से पहले अमेरिका और चीन से इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इंपोर्ट ड्यूटी ( Import Duty) घटाने की मांग कर रही थी. जिसे सरकार ने मानने से इंकार कर दिया था.
इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैकचरिंग भारत में करे टेस्ला
भारत सरकार ने टेस्ला को साफतौर पर कहा था कि सबसे पहले वो देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की पहले मैन्युफैकचरिंग शुरू करे फिर सरकार टैक्स घटाने के बारे में विचार करेगी. आपको बता दें इंपोर्टेड इलेक्ट्रिक व्हीकल पर 100 फीसदी तक टैक्स देना होता है जिसे टेस्ला सरकार से घटाने की मांग करती रही.
भारत का नुकसान, इंडोनेशिया का फायदा!
हालांकि ये भी माना जा रहा है कि एलन मस्क भारत में मैन्युफैकचरिंग प्लांग लगाने की बजाये इंडोनेशिया ( Indonesia)में टेस्ला कार का प्लांट लगा सकते हैं. एलन मस्क इंडोनेशिया के प्रेसीडेंट जोको विडोडो (Joko Widodo) से मुलाकात करने वाले हैं. उनसे एलन मस्क अपने इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैट्री सप्लाई के लिए निकल इंडस्ट्री को डेवलप करने पर चर्चा करेंगे.
टैक्स छूट देने के मूड में नहीं सरकार
सरकार ने पूर्व में साफ कर दिया था कि वो टेस्ला को रिआयत देने के मूड में नहीं है. सरकार ने कहा था कि ऐसा नहीं हो सकता है कि बाजार भारत में हो लेकिन नौकरी के अवसर चीन में पदा हो. भारी उद्योग मंत्रालय में राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने संसद में कहा था कि मोदी सरकार में ये नहीं हो सकता कि रोजगार चीन को और बाजार भारत की. मोदी सरकार की नीति है कि मार्केट भारत की है तो रोजगार भी भारत के लोगों को मिले. दरअसल टेस्ला भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैकचरिंग करने के लिए टैक्स छूट की मांग करती आई है.
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