
इंदौर। शहर में पिछले कुछ सालों से ठक-ठक गैंग सक्रिय है। इस गैंग के टारगेट पर शहर के आधा दर्जन चौराहे हैं, जहां हर साल वारदातें होती हैं, लेकिन पुलिस इस गिरोह को नहीं पकड़ पाती है। कल फिर इस गैंग ने शहर में एक कार से मोबाइल उड़ा दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर गंैग की तलाश शुरू कर दी है। शहर में कुछ सालों से ठक-ठक गैंग के नाम से एक गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह में दो से तीन लोग होते हैं।
ये लोग चौराहे पर सिग्नल पर रुकने वाली कारों को निशाना बनाते हैं। एक व्यक्ति ड्राइवर साइड का कांच बजाता है और इस दौरान दूसरा व्यक्ति दूसरी तरफ से कार से लैपटॉप या मोबाइल उड़ा लेता है। जब तक कार चालक कुछ समझ पाता है वे फरार हो जाते हैं। कभी गाड़ी से दुर्घटना होने को लेकर भी कार चालक को रोक लेते हैं तो कभी भीख मांगने के बहाने। ऐसी शहर में हर साल एक दर्जन से अधिक वारदातें होती हंै। एक बार पुलिस ने मूसाखेड़ी क्षेत्र से ऐसा गिरोह पकड़ा था।
पुलिस का कहना है कि इस तरह के कई गिरोह सक्रिय हैं। कुछ बाहरी हैं तो कुछ स्थानीय। इनके निशाने पर प्रमुख रूप से विजय नगर, व्हाइट हाउस, हुकमचंद घंटाघर, रेडिसन, खजराना और गीता भवन चौराहे होते हैं। यहां पहले भी कई बार वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन कल फिर इस गिरोह ने इंडस्ट्री हाउस चौराहे पर वारदात को अंजाम दिया। यहां गुलमर्ग प्राइड निवासी अमित पोरवाल अपनी कार से ऑफिस जा रहे थे, जहां एक व्यक्ति ने कार के शीशे को ठक-ठक किया और बातों में उलझाया और दूसरी ओर से एक व्यक्ति उनकी कार से मोबाइल उड़ा ले गया। पुलिस पलासिया ने केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पुलिस चौराहे पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है, ताकि आरोपियों का सुराग लगाया जा सके।
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