
प्राधिकरण की कनाडिय़ा स्थित टीपीएस-5 में विकास कार्य शुरू करने के दौरान निकली, अब 35 लाख रुपए की राशि खर्च कर इस ऐतिहासिक बावड़ी को फिर से किया जा रहा है जिंदा
इंदौर। कनाडिय़ा रोड (kanaadiya rod) स्थित प्राधिकरण (IDA) की योजना टीपीएस-5 (TPS-5) में विकास कार्य के दौरान कूड़े-कचरे और मलबे में दबी 250 साल पुरानी बावड़ी (250-year-old stepwel) मिली, जिसका साफ-सफाई के साथ अब जीर्णोद्धार किया जा रहा है।

प्राधिकरण सीईओ रामप्रकाश अहिरवार के मुताबिक इस क्षेत्र में लगभग 250 साल पुरानी और ऐतिहासिक अहिल्या बावड़ी मिली है, जो कि कूड़े-कचरे, गंदगी और मलबे में दबी हुई थी। जब साफ-सफाई कराई गई तो बावड़ी का स्वरूप नजर आने लगा। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि पहले इस पूरे क्षेत्र में पानी की आपूर्ति इसी बावड़ी से होती थी, मगर वर्षों से यह बावड़ी बंद पड़ी है। हालांकि अभी भी पानी की पर्याप्त आवक है। प्राधिकरण को भी बावड़ी में भरा वर्षों पुराना गंदा पानी निकलवाना पड़ा, ताकि जीर्णोद्धार का काम किया जा सके। लगभग ढाई से तीन लाख लीटर पानी इस बावड़ी में आसानी से संग्रहित किया जा सकेगा, जिससे पर्यटन स्थल के साथ-साथ जल संग्रहण क्षमता यानी वॉटर लेवल बढ़ाने में भी इस बावड़ी से मदद मिलेगी। बावड़ी के जीर्णोद्धार के साथ प्राधिकरण इसके आसपास के क्षेत्र में बगीचा तैयार करेगा, ताकि यह पूरा स्थल ही खूबसूरत नजर आए। बावड़ी में लगाए गए पुराने जो पत्थर उखड़ गए उनकी जगह नए पत्थर लगाए जा रहे हैं। टूटी दीवार, फर्शी के साथ-साथ आर्च की भी मरम्मत की जा रही है।
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