
इंदौर। खजराना सहित प्राधिकरण ने एक साथ चार चौराहों पर बने फ्लायओवरों से यातायात तो कुछ माह पूर्व शुरू करवा दिया और इन फ्लायओवरों का नामकरण भी हो गया था। इसी कड़ी में खजराना चौराहा पर 55 करोड़ की लागत से जो फ्लायओवर बना है, उसे अब गणेश सेतु के नाम से जाना जाएगा। प्राधिकरण ने फ्लायओवर पर गणेश सेतु नामकरण के साथ-साथ श्लोक भी लिखवाए हैं। इस चौराहे पर यातायात फ्लायओवर निर्माण के बाद सुगम भी हो गया है। हालांकि अभी मेट्रो प्रोजेक्ट के चल रहे काम के कारण थोड़ी परेशानी रहती है।
खजराना के साथ-साथ प्राधिकरण ने भंवरकुआ, फूटी कोठी और लवकुश चौराहा पर ये फ्लायओवर निर्मित करवाए हैं, जिसके चलते इन व्यस्त चौराहों पर यातायात सुगम भी हुआ है। लवकुश चौराहा पर तो प्राधिकरण 175 करोड़ रुपए की राशि से 22 मीटर ऊंचा डबल डेकर ब्रिज भी निर्मित करवा रहा है, जो इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इस डबल डेकर फ्लायओवर से मेट्रो भी गुजरेगी और बाणगंगा से उज्जैन की तरफ जाने-आने वाला यातायात भी चलेगा। इसी तरह प्राधिकरण ने भंवरकुआं और फूटी कोठी फ्लायओवर का शुभारंभ भी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से करवाया था और साथ ही खजराना फ्लायओवर का भी इन सभी फ्लायओवरों के नामकरण भी तय हो गए थे। मगर शुभारंभ के वक्त इस आशय के बोर्ड नहीं लग पाए थे।
अब प्राधिकरण के ठेकेदार ने खजराना फ्लायओवर पर गणेश सेतु का एक्रेलिक से बना खूबसूरत बोर्ड लगवा दिया है और उसके साथ ही भगवान गणेश से जुड़े प्रमुख श्लोक को भी लिखवाया है। प्राधिकरण अब डबल डेकर ब्रिज की तर्ज पर ही कनाडिय़ा रोड पर भी एक ब्रिज निर्मित कराने जा रहा है, जो बायपास के ऊपर से गुजरेगा। इसके साथ ही प्राधिकरण ने शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर भी निर्मित किए जा सकने वाले फ्लायओवरों के लिए फिजिबिलिटी सर्वे करवाया, जिसके चलते कलेक्टर आशीष सिंह ने लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखकर प्रमुख चौराहों पर फ्लायओवरों के निर्माण करवाने के लिए पत्र भी लिखा है। प्राधिकरण सीईओ आरपी अहिरवार के मुताबिक बीआरटीएस के भी सभी 9 चौराहों का भी विस्तृत सर्वे कराया गया था, जिनमें से अभी जिला स्तरीय यातायात समिति की रिपोर्ट के आधार पर पहले चरण में तीन चौराहों पर फ्लायओवर प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें एलआईजी चौराहा, शिवाजी वाटिका और गीताभवन चौराहा भी शामिल है।
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