
नई दिल्ली। लंबे समय से परेशानी झेल रहे पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक यानी पीएमसी बैंक सहित देश के 21 डूबे हुए बैंकों के ग्राहकों के लिए यह खबर लाभदायक साबित हो सकती है। इन ग्राहकों को इस साल दिसंबर तक पैसा मिल सकेगा। बैंक ग्राहकों के हित को ध्यान में रखते हुए डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन एक्ट (DICGC) ने कहा है कि वह 90 दिनों में ग्राहकों को पांच लाख रुपये देगा।
तैयार होगी खाताधारकों की सूची
भारतीय रिजर्व बैंक की अनुषंगी डीआईसीजीसी ने इसके लिए संकटग्रस्त 21 सहकारी बैंकों को खाताधारकों की सूची तैयार करने को कहा है। मालूम हो कि संसद ने अगस्त में मानसून सत्र के दौरान डीआईसीजीसी संशोधन विधेयक 2021 को पारित किया था। यह विधेयक इस बात को सुनिश्चित करता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से बैंकों पर रोक लगाए जाने के 90 दिनों के अंदर खाताधारकों को पांच लाख रुपये तक की राशि मिल सके।
डीआईसीजीसी ने जमाकर्ताओं को अपने संबंधित बैंकों तक पहुंचने और सूची में अपना नाम शामिल कराने के लिए 15 अक्तूबर से पहले किसी भी लंबित दस्तावेज को अपडेट करने के लिए कहा है। इसके बाद निगम बैंकों द्वारा तैयार सूची के अनुसार, 29 दिसंबर से पहले पांच लाख की पात्र राशि और जमा राशि में अंतर का भुगतान करेगा।
21 संकटग्रस्त बैंकों में से 11 बैंक महाराष्ट्र के
इन 21 बैंकों में से 11 बैंक महाराष्ट्र के हैं, पांच बैंक कर्नाटक के और उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, पंजाब, केरल और राजस्थान के एक-एक बैंक हैं। पीएमसी बैंक के अलावा श्री गुरु राघवेंद्र सहकारा बैंक, रुपी सहकारी बैंक, स्वतंत्रता सहकारी बैंक, अदूर सहकारी शहरी बैंक, बीदर महिला शहरी सहकारी बैंक और पीपुल्स कोऑपरेटिव बैंक के जमाकर्ताओं को भी फायदा होगा।
क्या है डीआईसीजीसी?
इसके तहत बैंक के डूबने की स्थिति पर जमाकर्ताओं को 90 दिनों के भीतर ही पांच लाख रुपये मिलते हैं। पहले 45 दिनों में संकट में फंसे बैंक अपने सभी खातों को जमा करेंगे, जहां क्लेम करने होंगे। इन्हें प्रस्तावित DICGC को दिया जाएगा। सरकार ने 2020 में ही डिपॉजिट इंश्योरेंस की लिमिट पांच गुना बढ़ाई थी। पहले इसकी लिमिट एक लाख रुपये थी। वित्त मंत्री ने बताया था कि डीआईसीजीसी अधिनियम द्वारा सभी जमा खातों का 98.3 फीसदी और जमा मूल्य का 50.98 फीसदी कवर किया जाएगा।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved