बेंगलुरु । एक फिल्म प्रोड्यूसर पर अपनी ही अभिनेत्री पत्नी का अपहरण करने के आरोप लगे हैं। आरोप ये भी है कि उस प्रोड्यूसर ने पत्नी की रिहाई के बदले दूधमुंही बेटी की मांग की है। यह मामला कर्नाटक (Karnataka) के हासन जिले का है, जहां आरोपी, हर्षवर्धन, एक फिल्म प्रोड्यूसर (Harshvardhan, film, producer) है। आरोप है कि उसने अपने से अलग रह रही कन्नड़ एक्टर पत्नी को किडनैप कर लिया ताकि उसका परिवार उनदोनों से जन्मी एक साल की बेटी को सौंपने के लिए मजबूर हो सके। हर्षवर्धन वर्धन एंटरप्राइजेज नाम की कंपनी का मालिक है।
बेटी को अगवा किए जाने की शिकायत एक्ट्रेस के परिवार ने पुलिस में की है। एक रिपोर्ट्स के अनुसार, वर्धन एंटरप्राइजेज के मालिक आरोपी हर्षवर्धन का नाम एक्टर के परिवार द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत में है। शिकायत में कहा गया है कि हर्षवर्धन हासन जिले का रहने वाला है। उसने 2023 में दोनों परिवारों की सहमति से चैत्रा आर से शादी की थी। चैत्रा एक टेलीविजन और फिल्म एक्ट्रेस है। वह पति से अलग रहती है।
खबरों के मुताबिक सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन करीब सात-आठ महीने पहले घरेलू झगड़ों के बाद ये जोड़ा अलग-अलग रहने लगा। हालांकि, हर्षवर्धन हासन में ही रहा, जबकि चैत्रा बेंगलुरु में मागाडी रोड पर एक किराए के घर में चली गई। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस दौरान चैत्रा ने टेलीविज़न सीरियल आर्टिस्ट और फिल्म एक्ट्रेस के तौर पर काम करना जारी रखा।
आरोप है कि 7 दिसंबर को सुबह करीब 8 बजे चैत्रा को बेंगलुरु के मैसूर रोड मेट्रो स्टेशन पर बुलाया गया था। शिकायत में आरोप लगाया गया है कि हर्षवर्धन, कौशिक और एक और व्यक्ति ने उसे जबरदस्ती एक कार में बिठाया और NICE रोड और बिदादी के रास्ते ले जाकर उसका अपहरण कर लिया। परिवार ने बताया कि चैत्रा के एक जानने वाले व्यक्ति ने उन्हें इस घटना के बारे में बताया। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि उसी शाम, हर्षवर्धन ने चैत्रा की माँ को फ़ोन किया और धमकी दी कि अगर एक साल की दूधमुंही बेटी को उसके पास लाया गया, तो वह चैत्रा को सुरक्षित छोड़ देगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कथित तौर पर एक दूसरे रिश्तेदार को भी ऐसा ही मैसेज भेजा गया, जिसमें चैत्रा की रिहाई के बदले एक साल की बच्ची को अरसीकेरे ले जाने के लिए कहा गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब परिवार ने चैत्रा से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसका फोन बंद था। शिकायत में पुलिस के पास जाने में देरी का भी ज़िक्र किया गया है, जिसमें बताया गया है कि उस समय चैत्रा की माँ तिप्तूर में थीं और शिकायत दर्ज कराने से पहले बेंगलुरु लौट आई थीं।
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