
इंदौर। शहर की तमाम दागी गृह निर्माण संस्थाओं की सूची में गांधी नगर भी शामिल है, जिसकी 441 एकड़ जमीन की लड़ाई शासन भले ही हाईकोर्ट में हार गया और अब उसकी अपील भी की गई है, तो दूसरी तरफ फर्जी सदस्यों को भूखंड आबंटित करने के अलावा भी कई अनियमितताएं की गई और सहकारिता विभाग लगातार नोटिस भी जारी करता रहा है। अभी संयुक्त आयुक्त ने एक चार पेज का जांच प्रतिवेदन शासन को भेजा है, जिसमें लोकायुक्त में दर्ज शिकायत के आधार पर दोषी अधिकारियों, अंकेक्षकों और प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुशंसा की गई है, जिसमें संस्था के प्रशासक और अंकेक्षक रहे आशीष सेठिया पर आरोप है कि उसने थाने में रिकॉर्ड जब्त होने के बावजूद नई रसीद बुक खरीदते हुए अपने भाइयों को दो भूखंड आवंटित करवा डाले।
गांधी नगर संस्था की जांच और उसमें मिली अनियमितताओं को लेकर अभी तक हालांकि सहकारिता विभाग में भी कागजी कार्रवाई ही होती रही है। दूसरी तरफ लोकायुक्त में दर्ज शिकायत के आधार पर अभी संयुक्त आयुक्त बीएल मकवाना ने आयुक्त सहकारिता और पंजीयक भोपाल को अभी हाल ही में सेवानिवृत्त हुए उपायुक्त के अलावा उपअंकेक्षक आशीष सेठिया, प्रबंधक फूलचंद पांडे के खिलाफ कार्रवाई का प्रतिवेदन भेजा है, जिसमें संस्था के रिकॉर्डों का अवलोकन करने और खाली पड़ी जमीन-भूखंडों का सत्यापन करवाने के साथ-साथ 2010-11 की ऑडिट रिपोर्ट में जो आपत्तियां ली गईं उसके आधार पर गंभीर घोटाले पाए गए हैं।
संस्था ने पिछले अनेक वर्षों से ऑडिट भी नहीं करवाया और ना ही संस्था की पंजीकृत उपविधियों में वर्णित प्रावधानों का पालन किया गया, जिसके चलते पूर्व में भी धारा 53 (2) के तहत नोटिस देने के अलावा संचालक मंडल को भंग करते हुए प्रशासक की नियुक्ति भी विभाग ने की। पहले सहकारी निरीक्षक प्रवीण जैन को प्रशासक नियुक्त किया गया और उसके बाद आशीष सेठिया को यह जिम्मेदारी मिली। अभी जो श्री मकवाना ने अपना जांच प्रतिवेदन भोपाल भेजा है उसमें सेवानिवृत्त उपायुक्त श्री गजभिये के साथ-साथ उप अंकेक्षक और तत्कालीन प्रशासक आशीष सेठिया और सेवानिवृत्त हो चुके सहायक निरीक्षक प्रवीण जैन के अलावा संस्था प्रबंधक फूलचंद पांडे को दोषी बताया है। इसमें यह भी कहा गया कि वर्ष 2013 से थाने में रिकॉर्ड जब्त है और 2014 में श्री सेठिया ने अपने दोनों भाइयों, सुशील कुमार और प्रभात पिता पुरणमल को भूखंडों की रसीदें जारी कर दी और इसके लिए सक्षम अनुमति भी प्राप्त की और खुद ही नई रसीद बुक भी खरीद ली।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved